स्वयंभू पादरी बजिंदर सिंह के खिलाफ दुष्कर्म मामले में आज आएगा फैसला, अदालत ने 25 मार्च को फैसला रखा था सुरक्षित

KNEWS DESK-  मोहाली कोर्ट में प्रोफेट बजिंदर सिंह के खिलाफ दुष्कर्म के मामले में फैसला सुनाए जाने से पहले, चर्च के खिलाफ आवाज उठाने वाले समाजसेवियों और नागरिकों ने सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता व्यक्त की है। इन लोगों का कहना है कि प्रोफेट बजिंदर सिंह अपने समर्थकों को कोर्ट परिसर के पास इकट्ठा करने की कोशिश कर सकते हैं, जैसा कि गुरमीत राम रहीम के मामले में हुआ था, जिससे कोर्ट और पुलिस प्रशासन पर दबाव डालने की संभावना हो सकती है।

कुछ दिनों पहले वायरल हुए एक वीडियो में प्रोफेट बजिंदर सिंह को अपनी चर्च की पूर्व पास्टर महिला के साथ मारपीट करते हुए दिखाया गया था, जिसके बाद महिला ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कराई थी। वीडियो के सामने आने के बाद, चर्च के खिलाफ आवाज उठा रहे समाजसेवी सिमरनजीत सिंह मान ने इस बात की आशंका जताई है कि प्रोफेट बजिंदर सिंह और उनकी चर्च के समर्थक कोर्ट के आसपास प्रदर्शन और हंगामा करने के लिए बड़ी संख्या में लोगों को इकट्ठा कर सकते हैं।

सिमरनजीत सिंह मान ने यह भी आरोप लगाया कि चर्च के व्हाट्सएप ग्रुपों के माध्यम से अनुयायियों को कोर्ट के आसपास इकट्ठा होने के लिए संदेश भेजे जा रहे हैं। उनके मुताबिक, यह स्थिति कानून-व्यवस्था को बिगाड़ सकती है और न्यायिक प्रक्रिया को प्रभावित करने की कोशिश की जा सकती है। इस संदर्भ में उन्होंने पंजाब पुलिस से मांग की है कि वह स्थिति को गंभीरता से लेते हुए सख्ती से कार्रवाई करें और सुरक्षा के उचित उपाय सुनिश्चित करें।

वहीं, प्रोफेट बजिंदर सिंह का एक अन्य वीडियो हाल ही में सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसमें वह एक महिला और एक युवक को थप्पड़ मारते हुए दिख रहे थे। इस वीडियो के बाद महिला ने थाने में एफआईआर दर्ज कराई। महिला का बयान दर्ज कर लिया गया है, जिसके आधार पर बजिंदर सिंह के खिलाफ धारा 74, 126/2, 115/2, 351/2 के तहत मुकदमा थाना माजरी में दर्ज किया गया है। पुलिस ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है और जल्दी ही संबंधित कार्रवाई की उम्मीद है।

सुरक्षा को लेकर बढ़ती चिंताओं के बीच, समाजसेवियों ने पंजाब पुलिस से यह अपील की है कि वह बजिंदर सिंह के खिलाफ पेंडिंग मामलों में सख्ती से कार्रवाई करें और उसे गिरफ्तार करने के लिए उचित कदम उठाए। उनका कहना है कि अगर बजिंदर सिंह और उनके समर्थकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई नहीं की जाती, तो इससे कानून-व्यवस्था की स्थिति और बिगड़ सकती है, जो समाज के लिए खतरे का संकेत हो सकता है।

मोहाली कोर्ट में प्रोफेट बजिंदर सिंह के खिलाफ दुष्कर्म के मामले में फैसले से पहले सुरक्षा को लेकर बढ़ती आशंकाओं के बीच, यह जरूरी है कि प्रशासन और पुलिस द्वारा उचित कदम उठाए जाएं। इसके अलावा, समाज और नागरिकों को भी शांतिपूर्ण और व्यवस्थित तरीके से न्याय की प्रक्रिया का पालन करना चाहिए, ताकि किसी भी प्रकार की हिंसा और असामाजिक गतिविधियों से बचा जा सके।

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