उपराष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया शुरू, NDA अगले हफ्ते करेगा उम्मीदवार के नाम पर मंथन

KNEWS DESK – भारत के अगले उपराष्ट्रपति के चुनाव की प्रक्रिया अब आधिकारिक रूप से शुरू हो गई है। चुनाव आयोग ने 25 जुलाई को इस संबंध में बड़ा कदम उठाते हुए राज्यसभा के महासचिव पीसी मोदी को 2025 के उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए रिटर्निंग ऑफिसर नियुक्त कर दिया है। इसके साथ ही संयुक्त सचिव गरिमा जैन और निदेशक विजय कुमार को सहायक रिटर्निंग ऑफिसर बनाया गया है। इस फैसले के बाद अब राजनीतिक हलकों में हलचल तेज हो गई है।

सूत्रों के मुताबिक, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) अगले सप्ताह उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के चयन पर विचार-विमर्श शुरू करेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस समय ब्रिटेन और मालदीव की आधिकारिक यात्रा पर हैं और उनके लौटने के तुरंत बाद वे तमिलनाडु के दो दिवसीय दौरे पर जाएंगे। इसलिए माना जा रहा है कि 29 जुलाई के बाद इस मुद्दे पर औपचारिक चर्चा शुरू होगी।

आरएसएस से जुड़ा चेहरा हो सकता है उम्मीदवार

भाजपा सूत्रों की मानें तो इस बार उपराष्ट्रपति पद के लिए पार्टी किसी ऐसे व्यक्ति को उम्मीदवार बना सकती है, जिसका संबंध पार्टी संगठन से गहरा हो और जिसकी पृष्ठभूमि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़ी हो। पार्टी इस बार बाहरी या दूसरे दलों से आए किसी नेता को टिकट देने के पक्ष में नहीं है। पार्टी नेतृत्व का रुख स्पष्ट है—उम्मीदवार पूरी तरह पार्टी और विचारधारा से जुड़ा होना चाहिए।

राजनीतिक समीकरण और चुनावी रणनीति भी अहम

सूत्रों का यह भी कहना है कि इस बार उपराष्ट्रपति पद के चयन में केवल विचारधारा ही नहीं, बल्कि आगामी विधानसभा चुनावों को भी ध्यान में रखा जाएगा। बिहार, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, असम और केरल जैसे राज्यों में अगले एक साल के भीतर विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में उम्मीदवार का चयन करते समय क्षेत्रीय और सामाजिक समीकरणों का भी विशेष ध्यान रखा जा सकता है।

विपक्ष भी मैदान में उतार सकता है उम्मीदवार

हालांकि एनडीए के पास निर्वाचक मंडल में स्पष्ट बहुमत है, फिर भी भाजपा कोई चूक नहीं करना चाहती। उसे संकेत मिले हैं कि विपक्ष भी उपराष्ट्रपति चुनाव में अपना उम्मीदवार खड़ा कर सकता है। यही वजह है कि पार्टी पूरी तैयारी और रणनीति के साथ मैदान में उतरना चाहती है।

बहुमत की स्थिति में भी सावधानी

लोकसभा और राज्यसभा के कुल 782 सांसदों में से एनडीए के पास लगभग 425 सांसद हैं, जो उपराष्ट्रपति चुनाव में उसे स्पष्ट बढ़त दिलाते हैं। इसके बावजूद पार्टी नेतृत्व किसी भी तरह की ढिलाई नहीं बरतना चाहता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संसद के मॉनसून सत्र में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ जैसे मुद्दों पर संबोधन दे सकते हैं, जिसके बाद यह चुनावी रणनीति और ज्यादा धारदार हो सकती है।