KNEWS DESK- आगामी उपराष्ट्रपति चुनाव को लेकर विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ ने पूर्व सुप्रीम कोर्ट न्यायाधीश जस्टिस बी. सुदर्शन रेड्डी को अपना संयुक्त उम्मीदवार घोषित कर दिया है। रविवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने विपक्षी नेताओं के साथ बैठक के बाद उनके नाम की औपचारिक घोषणा की।
इस प्रकार, जस्टिस रेड्डी का मुकाबला राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन से होगा, जो वर्तमान में महाराष्ट्र के राज्यपाल हैं और पहले ही एनडीए सांसदों के समर्थन से अपनी दावेदारी मजबूत कर चुके हैं।
दिल्ली स्थित 10 राजाजी मार्ग पर विपक्षी नेताओं की महत्वपूर्ण बैठक में जस्टिस रेड्डी के नाम पर सर्वसम्मति बनी। मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि,
“जस्टिस बी. सुदर्शन रेड्डी भारत के सबसे प्रतिष्ठित और प्रगतिशील न्यायविदों में से एक हैं। उनका पूरा जीवन संविधान, न्याय और गरीबों के हित के लिए समर्पित रहा है।” खरगे ने आगे बताया कि जस्टिस रेड्डी के कई ऐतिहासिक फैसलों में सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है।
जस्टिस रेड्डी आगामी 21 अगस्त को उपराष्ट्रपति पद के लिए नामांकन दाखिल करेंगे। उन्होंने विपक्षी गठबंधन की ओर से उम्मीदवार बनाए जाने के बाद सभी राजनीतिक दलों से समर्थन की अपील की है। “मैं लोकतंत्र की मजबूती और संविधान की रक्षा के लिए मैदान में हूं। सभी सांसदों से आग्रह करता हूं कि वे मुझे समर्थन दें,” — जस्टिस बी. सुदर्शन रेड्डी
कौन हैं जस्टिस बी. सुदर्शन रेड्डी?
जन्म: 8 जुलाई 1946, अकुला मायलाराम गांव, रंगारेड्डी जिला (आंध्र प्रदेश)
शिक्षा: कानून की डिग्री, उस्मानिया विश्वविद्यालय, हैदराबाद (1971)
प्रारंभिक करियर: वरिष्ठ अधिवक्ता के. प्रताप रेड्डी के साथ वकालत शुरू की
1988: आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट में सरकारी वकील नियुक्त
1995: आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के न्यायाधीश
2005: गौहाटी हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश
2007: सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश नियुक्त
2011: सेवानिवृत्त
उनका जीवन ईमानदारी, न्यायप्रियता और संवैधानिक मूल्यों के लिए जाना जाता है। वे विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों से भी जुड़े रहे हैं और एवी एजुकेशन सोसाइटी में महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुके हैं।
जहां एक ओर एनडीए के सीपी राधाकृष्णन को सत्तारूढ़ गठबंधन का स्पष्ट बहुमत प्राप्त है, वहीं जस्टिस रेड्डी का नाम विपक्ष की ओर से संवैधानिक मूल्यों और न्यायिक निष्पक्षता का प्रतिनिधित्व करता है। यह मुकाबला अब राजनीतिक ताकत और नैतिक आधार के बीच दिलचस्प संघर्ष का रूप ले चुका है।