मोदी सरकार ने 8 नंवबर 2016 को रात 8 बजे अचानक से नोटबंदी का फैसला लिया था. जिसके बाद रात 12 बजे से 500 और 1000 के नोट चलन से बंद होगे थे. जिसके बाद पूरे देश में नोच बदलने को लोग लाइन में आ गए थे. इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में 58 याचिका दायर की गई थी. जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने 2 जनवरी को फैसला सुनाया है।
सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए सरकार के नोटबंदी के फैसले को बरकरार रखा है. ने जस्टिस अब्दुल नजीर की अध्यक्षता वाली 5 जजों की संवैधानिक बेंच ने फैसला सुनाते हुए कहा कि आर्थिक फैसले को बदला नही जा सकता है. सरकार के खिलाफ दायर 58 याचिकाओं को सुनवाई करते हुए खारिज कर दिया है.
केंद्र सरकार के खिलाफ दायर हुई 58 याचिकाएं
सरकार के नोटबंदी के फैसले के खिलाफ 58 याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई थी. जिसमें कहा गया था कि सरकार के द्वारा नोटबंदी का फैसला लिया गया. उसमें काफी खामियां है. आर.बी.आई के बोर्ड की सफारिश के बिना नोटबंदी के फैसला सरकार द्वारा नही लिया जा सकता है. लेकिन इस फैसले में सरकार द्वारा इन मानकों का ध्यान नही रखा है. केंद्र ने फैसला लेने के दौरान अहम दस्तावेजों को रोक दिया, जिसमें सरकार द्वारा आरबीआई को 7 नवंबर को लिखा गया पत्र और आरबीआई बोर्ड की बैठक के मिनट्स शाम.