सरकार कुछ सालों में आयुष इलाज का बीमा दावा 3000 करोड़ तक बढ़ाना चाहती है- आयुष मंत्रालय सचिव राजेश कोटेचा

KNEWS DESK-  सरकार वैकल्पिक या आयुष इलाज से जुड़े बीमा दावों की बेहतर वसूली करना चाहती है। ये कहना है आयुष मंत्रालय के सचिव राजेश कोटेचा का।
उन्होंने कहा कि 2023 में आयुष इलाज का मेडिक्लेम 78 करोड़ रुपये था। सरकार इसे कई गुना बढ़ाकर 2000-3000 करोड़ रुपये तक पहुंचाना चाहती है।

पीटीआई वीडियो से बातचीत में आयुष मंत्रालय के सचिव राजेश कोटेचा ने कहा कि 2016 में सिर्फ नौ करोड़ रुपये की भरपाई की गई थी। 2023 में यह आंकड़ा 78 करोड़ तक पहुंच गया। अब हमारा लक्ष्य अगले कुछ सालों में इसे 1000 या 2000 या 3000 करोड़ तक पहुंचाना है। आयुष मंत्रालय ने दावों की बेहतर वसूली के लिए सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की बीमा कंपनियों, टीपीए, वैकल्पिक इलाज के अस्पतालों और सर्विस देने वालों की बैठक बुलाई है।

मंत्रालय बेहतर बीमा दावों के लिए आयुर्वेद, यूनानी, सिद्ध और दूसरे वैकल्पिक इलाज के मानक तैयार करने पर भी काम कर रही है। आयुष सचिव का बताया कि सरकार एनएबीएच के साथ आयुष के लिए खास मानकों, अस्पतालों के लिए एनएबीएच मानकों, डे केयर सेंटरों, डॉक्टरों के लिए काम कर रही है। उन्होंने बताया कि सरकार ने आयुष के भारतीय सार्वजनिक स्वास्थ्य मानक (आईपीएचएस) भी प्रकाशित किए हैं। ये सभी चीजें बीमा कंपनियों के गुणवत्ता मानकों के लिए जरूरी हैं। सरकार आयुष दवा से जुड़े बीमा दावों में धोखाधड़ी रोकने की दिशा में भी काम कर रही है।

आयुष मंत्रालय सचिव राजेश कोटेचा ने कहा कि 2016 में सिर्फ नौ करोड़ रुपये की भरपाई हुई थी। 2023 में ये आंकड़ा 78 करोड़ था। हमारा लक्ष्य अगले कुछ सालों में इसे 1000 या 2000 या 3000 करोड़ तक पहुंचाना है। सारी कोशिश गुणवत्तापूर्ण चीजों पर आधारित हैं। गुणवत्ता की बात होनी चाहिए। बीमा कंपनी के अंत में, डॉक्टरों और अस्पतालों के अंत में। इसलिए हम उनके साथ काम कर रहे हैं जैसे हम आयुष के खास मानकों वाले अस्पतालों के लिए एनएबीएच मानकों के लिए, डे केयर सेंटरों के लिए, डॉक्टरों-क्लीनिकों के लिए एनएबीएच के साथ काम कर रहे हैं। पहले से ही बहुत सारे लोग इसके लिए आवेदन कर रहे हैं। पहले से ही 300 से ज्यादा अस्पताल आयुष से मान्यता प्राप्त हैं। इसी तरह वे बीआईएस यूरोपीय मानकों के साथ काम कर रहे हैं और बीआईएस ने आयुष की सेवाओं और उत्पादन के लिए 100 से ज्यादा मानक प्रकाशित किए हैं। हमने आईएसओ में आयुष की समिति का प्रस्ताव रखा है, ताकि उन मानकों को आईएसओ मानक के रूप में प्रकाशित किया जा सके और दुनिया भर में स्वीकार किया जा सके। इसलिए ये एक अलग क्षेत्र है। हमने पहले ही आयुष के मानक इलाज के दिशानिर्देशों के लिए काम करना शुरू कर दिया है। हमने आयुष के आईपीएचएस भी प्रकाशित किए हैं। ये सभी चीजें वास्तव में बीमा कंपनियों से गुणवत्ता मानकों और गुणवत्ता वितरण के लिए जरूरी हैं। वहां पहले से ही 280 पैकेज हैं। हम जो करना चाहते हैं वह मिला-जुला है। जैसे ज्यादा कवरेज या कैशलेस सेवाएं या ओपीडी कवरेज या डे केयर कवरेज। सेवाओं का विस्तार हमारा लक्ष्य है और मानकीकरण भी। हमने धोखाधड़ी का पता लगाने वाला तंत्र भी तैयार किया है, क्योंकि धोखाधड़ी की संभावना हमेशा बनी रहती है। इसलिए हम बीमा कंपनियों, जीआईएस और आईआरडीएआई के साथ काम कर रहे हैं कि हमारे क्षेत्र में धोखाधड़ी को कैसे रोका जाए।

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