KNEWS DESK- पीएम मोदी की अध्यक्षता में आयोजित नीति आयोग की बैठक में कई राज्यों के सीएम के साथ पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी शामिल हुईं, हालांकि उन्होंने बैठक बीच में छोड़कर बाहर निकलने का फैसला किया| उन्होंने आरोप लगाया कि मैं बैठक का बहिष्कार करके बाहर आई हूं| जबकि अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों को लंबे समय तक बोलने की अनुमति दी गई थी, मुझे 5 मिनट बोलने के बाद ही रोक दिया गया| वहीं अब ममता बनर्जी के इन आरोपों पर सरकार ने अपनी प्रतिक्रिया दी|
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सरकार पर नीति आयोग की बैठक में उनपर भेदभाव करने का आरोप लगाया है| वहीं अब केंद्र सरकार का कहना है कि ममता बनर्जी द्वारा किये जा रहे सभी दावे गलत हैं| उनका माइक समय खत्म होने पर बंद किया गया था| जबकि नाम के मुताबिक तो उनकी बारी लंच के बाद आनी थी लेकिन बंगाल सरकार के आधिकारिक अनुरोध पर उन्हें 7वें स्पीकर के स्थान पर बोलने का मौका मिला| बंगाल सरकार ने जल्दी बोलने का अनुरोध किया था क्योंकि उन्हें जल्दी रवाना होना था|
सीएम बनर्जी द्वारा सरकार पर लगाये गए आरोपों पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा- सीएम ममता इस बैठक में शामिल हुईं और हम सभी ने उन्हें सुना है| हर राज्य के सीएम को बोलने के लिए एक तय समय दिया गया था और उस समय को दिखाने के लिए उनकी टेबल पर एक स्क्रीन लगाई गई थी| वित्त मंत्री ने कहा- मुख्यमंत्री ने मीडिया से बातचीत में बताया कि उनका माइक बंद किया गया था, ये पूरी तरह से झूठ है| यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि ममता बनर्जी ने झूठा दावा किया है कि उनका माइक बंद कर दिया गया था| उन्हें सच बोलना चाहिए न कि झूठ पर बनाई गई एक कहानी|
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