शिव शंकर सविता- लोकसभा में मंगलवार को चुनाव सुधारों को लेकर व्यापक चर्चा शुरू हुई, जिसमें विपक्ष ने चुनाव आयोग की ओर से राज्यों में चलाए जा रहे विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को लेकर गंभीर आपत्तियां दर्ज कराईं। बहस की शुरुआत करते हुए कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा कि SIR प्रक्रिया ने चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल खड़ा कर दिया है और जनता के बीच भ्रम की स्थिति पैदा हुई है। तिवारी ने सदन में कहा कि चुनाव आयोग के पास इस तरह का पुनरीक्षण कराए जाने का अधिकार ही नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि SIR की आड़ में वोटर लिस्ट में गड़बड़ियां बढ़ रही हैं, जिससे लोकतांत्रिक प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है। उन्होंने कहा, “यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि आज हमें चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाने पड़ रहे हैं।” इसके साथ ही उन्होंने बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग दोहराई।
EVM में तकनीकी छेड़छाड़ की आशंका को पूरी तरह नकारा नहीं जा सकता- कांग्रेस सांसद
कांग्रेस सांसद ने यह भी कहा कि यदि EVM का प्रयोग जारी रखा जाता है, तो कम से कम 100% VVPAT काउंटिंग अनिवार्य की जाए। उनका दावा है कि EVM में तकनीकी छेड़छाड़ की आशंका को पूरी तरह नकारा नहीं जा सकता। मनीष तिवारी ने अपने भाषण में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी द्वारा किए गए चुनाव सुधार का उल्लेख किया और कहा कि 1989 में मतदान की उम्र 21 से घटाकर 18 वर्ष करना स्वतंत्र भारत का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक सुधार था। वर्तमान समय में भी इसी दृष्टिकोण की आवश्यकता है, जिससे चुनाव प्रक्रिया पर लोगों का भरोसा बढ़े।
राज्यसभा में बुधवार और गुरुवार को इस मुद्दे पर होगी बहस
लोकसभा में चल रही इस चर्चा में मंगलवार और बुधवार को चुनाव सुधारों से जुड़े सभी पहलुओं पर विचार किया जा रहा है। वहीं, राज्यसभा में बुधवार और गुरुवार को इस मुद्दे पर बहस होगी। कांग्रेस की ओर से मनीष तिवारी के अलावा राहुल गांधी, केसी वेणुगोपाल, वर्षा गायकवाड़, मो. जावेद, उज्ज्वल रमन सिंह, इमरान मसूद, रवि मल्लू, ईशा खान चौधरी, गोवाल कागाडा पदवी, और ज्योतिमनी इस मुद्दे पर अपनी राय रखेंगे।