कानपुर के पास बनेगा देश का पहला टेक्सटाइल मशीन पार्क, उत्तर प्रदेश में वस्त्र उद्योग में बड़ा कदम

KNEWS DESK- उत्तर प्रदेश, 25 मार्च 2025: उत्तर प्रदेश के कानपुर के पास देश का पहला टेक्सटाइल मशीन पार्क स्थापित किया जाएगा, जो वस्त्र उद्योग में एक बड़ी क्रांति लेकर आएगा। यह पार्क भोगनीपुर के पास चपरघटा गांव में 875 एकड़ जमीन पर बसाया जाएगा, जहां पर विभिन्न प्रकार की टेक्सटाइल से जुड़ी मशीनों का निर्माण किया जाएगा। वर्तमान में ये मशीनें चीन, वियतनाम, दक्षिण कोरिया, ताइवान और यूरोप जैसे देशों से आयात की जाती हैं, जिससे भारत पर भारी विदेशी मुद्रा का खर्च आता है।

इस पार्क का उद्देश्य भारत में इन मशीनों का निर्माण करना है, ताकि इन पर होने वाले भारी खर्च को कम किया जा सके। वर्तमान में इन मशीनों के आयात पर हर साल लगभग 40 हजार करोड़ रुपये खर्च हो रहे हैं, जो अगले पांच साल में बढ़कर 4 लाख करोड़ रुपये तक पहुँचने का अनुमान है। यह टेक्सटाइल मशीन पार्क मेक इन इंडिया के तहत स्थापित किया जा रहा है, ताकि भारतीय उद्योग को आत्मनिर्भर बनाया जा सके और विदेशी आयात पर निर्भरता कम हो सके।

इस पार्क से 30 हजार करोड़ रुपये का निर्यात होने का अनुमान है, जिससे न सिर्फ उत्तर प्रदेश, बल्कि पूरे देश को आर्थिक लाभ होगा। इस परियोजना का विकास पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मोड पर किया जाएगा, जिसमें सुबोध अग्रवाल और रवि भूषण अरोड़ा जैसे प्रवर्तक शामिल हैं। इस पार्क के माध्यम से 1.5 लाख लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे, जिससे राज्य के रोजगार क्षेत्र में भी बड़ा सुधार होगा।

उत्तर प्रदेश वस्त्र उत्पादन क्षेत्र में अब एक नई ऊँचाई छूने को तैयार है। लखनऊ के पास स्थित पीएम मित्र पार्क सहित प्रदेश के दस जिलों में दस नए टेक्सटाइल पार्क स्थापित किए जा रहे हैं, जिससे यूपी वस्त्र उद्योग में अग्रणी राज्य बन जाएगा। 2030 तक वस्त्र बाजार का आकार 350 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है, और इसके लिए लगभग चार लाख करोड़ रुपये की मशीनों की जरूरत होगी। अगले पांच साल में इन मशीनों की संख्या में दस गुना वृद्धि होने का अनुमान है, जिससे भारत में टेक्सटाइल उत्पादन की गति और गुणवत्ता दोनों में सुधार होगा।

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