संविधान धार्मिक मुद्दों में पड़े बिना महिलाओं के अधिकारों की सुरक्षा प्रदान करने में सक्षम है- सुरेन्द्र राजपूत

KNEWS DESK- कांग्रेस प्रवक्ता सुरेन्द्र राजपूत ने गुरुवार यानी आज कहा कि हमारा संविधान धार्मिक मुद्दों में हस्तक्षेप किए बिना किसी भी समुदाय की महिलाओं के अधिकारों की रक्षा कर सकता है।

बता दें कि कांग्रेस प्रवक्ता सुरेन्द्र राजपूत की यह टिप्पणी बीते बुधवार को सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए उस फैसले के बाद आई है जिसमें कहा गया था कि मुस्लिम महिला सीआरपीसी की धारा 125 के तहत अपने पति से गुजारा भत्ता मांग सकती है और कहा कि “धर्म तटस्थ” प्रावधान सभी विवाहित महिलाओं पर लागू होता है, चाहे उनका धर्म कुछ भी हो।

लखनऊ में कांग्रेस प्रवक्ता सुरेन्द्र राजपूत ने कहा कि हमारा संविधान हमें महिलाओं के अधिकारों की रक्षा करने का अधिकार देता है और हमारे संविधान में सभी की रक्षा करने का अधिकार है। महिलाएं, चाहे वे किसी भी समुदाय की हों, जैसे सिख, हिंदू या मुस्लिम, सभी समान हैं। हमारा संविधान धार्मिक मुद्दों में हस्तक्षेप किए बिना सभी महिलाओं को अधिकारों की सुरक्षा प्रदान करने में सक्षम है।

न्यायमूर्ति बी वी नागरत्ना और ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने कहा कि मुस्लिम महिला (तलाक पर अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम, 1986 धर्मनिरपेक्ष कानून पर हावी नहीं होगा। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि गुजारा भत्ता दान नहीं बल्कि सभी विवाहित महिलाओं का अधिकार है। न्यायमूर्ति नागरत्ना ने फैसला सुनाते हुए कहा कि हम इस प्रमुख निष्कर्ष के साथ आपराधिक अपील को खारिज कर रहे हैं कि धारा 125 सभी महिलाओं पर लागू होगी…” दोनों न्यायाधीशों ने अलग-अलग लेकिन एकमत फैसले सुनाए।

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