डिजिटल डेस्क- केंद्र सरकार ने सोशल मीडिया कंपनियों को चेतावनी दी है कि वे अपने प्लेटफॉर्म पर अश्लील, अभद्र और बाल यौन शोषण से जुड़ी गैरकानूनी सामग्री को तुरंत हटाएं। इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि इस आदेश का पालन न करने वाली कंपनियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि सोशल मीडिया कंपनियां सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 79 के तहत अपने प्लेटफॉर्म्स पर कंटेंट मॉनिटरिंग के लिए जिम्मेदार हैं। मंत्रालय ने कंपनियों को निर्देश दिया है कि वे अपनी साइटों की नियमित समीक्षा करें और अश्लील, अभद्र और गैरकानूनी कंटेंट के खिलाफ कार्रवाई करें। इसमें यह भी कहा गया है कि ऐसा नहीं करने पर कंपनियों को देश के कानून के तहत मुकदमे का सामना करना पड़ेगा। मंत्रालय ने कहा कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों पर अश्लील, भद्दी और अभद्र सामग्री पर कार्रवाई में कमी आई है, इसलिए यह कड़ी चेतावनी जारी की गई है।
24 घंटे के भीतर अश्लील कंटेंट हटाने होंगे
सरकार ने सूचना प्रौद्योगिकी नियम, 2021 की याद दिलाई है, जो सोशल मीडिया कंपनियों को अपने प्लेटफॉर्म्स पर कंटेंट मॉनिटरिंग और शिकायत निवारण के नियमों का पालन करने के लिए बाध्य करता है। नियमों के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति शिकायत करता है कि इंटरनेट पर किसी फोटो या वीडियो में उसकी नग्नता दिखाई जा रही है, यौन गतिविधियों में दिखाया जा रहा है या उसका फर्जी रूप प्रस्तुत किया गया है, तो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म या वेबसाइट को 24 घंटे के भीतर वह कंटेंट हटाना होगा। मंत्रालय ने कहा कि आईटी नियम, 2021 के प्रावधानों का पालन न करने पर कंपनियों के खिलाफ आईटी अधिनियम, 2000, BNS और अन्य आपराधिक कानूनों के तहत कार्रवाई की जा सकती है।
इंटरनेट पर अश्लील कंटेंट की है भरमार
यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब देखा गया कि कई प्लेटफॉर्म पर अश्लील और गैरकानूनी सामग्री तेजी से फैल रही है और इसके खिलाफ ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही। विशेषज्ञों का कहना है कि इस आदेश का उद्देश्य इंटरनेट को सुरक्षित बनाना और बाल यौन शोषण, अश्लील और अभद्र कंटेंट से जुड़े खतरे को कम करना है। सोशल मीडिया कंपनियों को अब न केवल कंटेंट मॉडरेशन बढ़ानी होगी, बल्कि शिकायतों के निवारण के लिए त्वरित कदम उठाने होंगे।