KNEWS DESK- संसद के दोनों सदनों में इस समय अदाणी मामले को लेकर भारी हंगामा और नारेबाजी देखी जा रही है। लोकसभा और राज्यसभा में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी तकरार बनी हुई है। हालांकि, पिछले दो दिनों से सदनों की कार्यवाही जारी है, लेकिन विपक्ष लगातार इस मामले पर सरकार से जवाब मांग रहा है, वहीं सत्ता पक्ष इसे लेकर चुप्पी साधे हुए है।
कांग्रेस ने अदाणी मामले में आरोप लगाए
कांग्रेस सांसद और महासचिव (संगठन) के.सी. वेणुगोपाल ने अदाणी मामले को लेकर सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। वेणुगोपाल ने कहा, “अदाणी मामले में इस देश का सबसे बड़ा भ्रष्टाचार हो रहा है, और सरकार इस पर चर्चा करने के लिए तैयार नहीं है। हमें यह बताना है कि यह सबसे बड़ा भ्रष्टाचार हो रहा है, लेकिन सदन इसपर चर्चा के लिए तैयार नहीं है।” उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सरकार अदाणी का नाम सुनने के लिए तैयार नहीं है और मामले को दबाने की कोशिश कर रही है।
भा.ज.पा. ने कांग्रेस पर साधा निशाना
भा.ज.पा. सांसद दिनेश शर्मा ने कांग्रेस पर पलटवार किया और कहा, “राहुल गांधी हाथ में संविधान की किताब लेकर संविधान तोड़ने की बात कर रहे थे। उनका काम वहां (संभल) जाना नहीं था, दरअसल उन्हें अपना फोटो सेशन पूरा करना था, उनकी सहानुभूति संभल या वहां के लोगों से नहीं है, बल्कि वह अपने वोट बैंक से सहानुभूति रखते हैं।” शर्मा ने आरोप लगाया कि समाजवादी पार्टी और कांग्रेस दोनों एक-दूसरे का वोट बैंक खींचना चाहती हैं, और उनकी आपसी प्रतिद्वंद्विता उनके राजनीतिक खेल को दर्शाती है।
राहुल गांधी का बयान – पीएम मोदी और अदाणी का कनेक्शन
राज्यसभा में कार्यवाही कुछ समय के लिए स्थगित कर दी गई, जबकि लोकसभा में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा। गांधी ने कहा, “पीएम मोदी जी अदाणी का जांच नहीं करा सकते क्योंकि वह अगर जांच कराएंगे तो वह अपनी ही जांच कराएंगे। पीएम मोदी और अदाणी एक हैं, ये दो नहीं हैं।” राहुल गांधी के इस बयान से संसद में एक बार फिर हंगामा मच गया।
विपक्ष का संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन
अदाणी मामले पर विपक्ष ने संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन किया। इस विरोध प्रदर्शन में राहुल गांधी भी शामिल हुए और उन्होंने सरकार से इस मामले में जांच की मांग की। विपक्षी दलों का कहना है कि सरकार जानबूझकर अदाणी से जुड़े भ्रष्टाचार के मामलों पर चुप्पी साधे हुए है और इसपर संसद में चर्चा करने से बच रही है।
इससे पहले, विपक्ष ने इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया था, और इस मामले को लेकर कई बार सरकार को घेरने की कोशिश की है। हालांकि, सरकार ने अब तक इस पर कोई ठोस जवाब नहीं दिया है।
संसद में जारी इस हंगामे ने देश की राजनीति में एक नया मोड़ ले लिया है, और विपक्ष की ओर से लगातार सरकार पर दबाव डाला जा रहा है। फिलहाल, यह देखा जाना बाकी है कि सरकार इस मामले पर कब कोई ठोस कदम उठाती है।
ये भी पढ़ें- क्रांतिसूर्य टंट्या मामा भारत के जनजातीय गौरव पुरूष थे- मुख्यमंत्री मोहन यादव