KNEWS DESK – बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) मामले पर सुप्रीम कोर्ट के अंतरिम आदेश के बाद नेता प्रतिपक्ष और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने इसे लोकतंत्र की जीत करार दिया। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर विपक्ष ने सदन, संसद और सड़क – हर जगह संघर्ष किया, और अब सुप्रीम कोर्ट ने हमारी मांगों पर मुहर लगा दी है।
तेजस्वी ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग SIR प्रक्रिया में कई जानकारियां छुपा रहा था, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने उजागर कर दिया। अदालत ने आयोग को निर्देश दिया है कि आधार कार्ड लेना अनिवार्य किया जाए और जिन 65 लाख नामों को मतदाता सूची से हटाया गया है, उनकी बूथ-वार सूची जारी की जाए। साथ ही आयोग को यह भी स्पष्ट करना होगा कि किस कारण नाम काटे गए – कौन मृतक हैं और कौन “ट्रेसेबल” नहीं हैं।
उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने विज्ञापन के माध्यम से प्रभावित लोगों को सूचित करने का भी आदेश दिया है। तेजस्वी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाते हुए कहा कि वे लोकतंत्र को खत्म करना चाहते थे, लेकिन बिहार से यह प्रयास नाकाम हो गया।
विपक्षी एकजुटता और आंदोलन का जिक्र
तेजस्वी यादव ने कहा कि राघोपुर विधानसभा क्षेत्र से जिन लोगों के नाम काटे गए थे, उन्हें दिल्ली भेजकर राहुल गांधी से मिलवाया गया। इसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा और आज बिहार के लोगों, लोकतंत्र और संविधान की जीत हुई। उन्होंने याद दिलाया कि 27 जून को उन्होंने पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस करके SIR पर सवाल उठाए थे और 9 जुलाई को बिहार बंद का आह्वान किया, जिसमें राहुल गांधी भी शामिल हुए थे।
तेजस्वी ने बताया कि उन्होंने बीजेपी, एनडीए और विपक्षी दलों के नेताओं को पत्र लिखकर समर्थन मांगा और सभी से सकारात्मक जवाब मिला। 300 से अधिक सांसदों ने पैदल मार्च किया और घंटों हिरासत में रहे। उन्होंने सोनिया गांधी, राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे, शरद पवार, उद्धव ठाकरे, दीपांकर भट्टाचार्य, अखिलेश यादव, योगेंद्र यादव सहित सभी नेताओं और अधिवक्ताओं का आभार व्यक्त किया।
डिजिटल रणनीति और चेतावनी
तेजस्वी ने कहा कि अब आरजेडी पारंपरिक लाठी नहीं, बल्कि लैपटॉप, डाटा और AI समेत सभी डिजिटल माध्यमों पर काम कर रही है। उन्होंने चुनाव आयोग के अधिकारियों पर पारदर्शिता की कमी का आरोप लगाया और कहा कि SIR में गड़बड़ी करने वालों को चुनाव में जनता जवाब देगी।
उन्होंने दावा किया कि इस बार एनडीए को चुनाव में करारी हार का सामना करना पड़ेगा और जब नाम कटने की सूची सार्वजनिक होगी, तब पूरी सच्चाई सामने आ जाएगी। SIR पर घुसपैठ के आरोपों को खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि “गुजराती बिहार के वोटर बन गए, लेकिन असली मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश की गई।”