KNEWS DESK – महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री अजित पवार अपने विवादित बयान को लेकर घिर गए हैं। बारामती तहसील के मालेगांव में नगर पंचायत चुनाव प्रचार के दौरान दिए गए उनके ‘वोट दोगे तो फंड मिलेगा’ वाले बयान पर विपक्ष ने मोर्चा खोल दिया है। अब एनसीपी (सपा) की वरिष्ठ नेता और लोकसभा सांसद सुप्रिया सुले ने भी चुनाव आयोग से इस मामले पर संज्ञान लेने की अपील की है।
अजित पवार ने क्या कहा था ?
शुक्रवार (21 नवंबर) को रैली में अजित पवार ने कहा कि उनकी पार्टी ने मालेगांव में 18 उम्मीदवार उतारे हैं। उन्होंने दावा किया कि अगर जनता सभी 18 उम्मीदवारों को जीत दिलाती है, तो वे फंड की कमी नहीं होने देंगे। उन्होंने आगे कहा, “आपके पास वोट देने की पावर है, मेरे पास फंड जारी करने की पावर है। अगर आप मेरे उम्मीदवारों को काट देंगे, तो मैं भी फंड काट दूंगा।” इस बयान के सामने आने के बाद विपक्षी दलों ने उन्हें लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ काम करने का आरोप लगाया।
सुप्रिया सुले ने चुनाव आयोग से की कार्रवाई की मांग
नागपुर में प्रेस कॉन्फ्रेंस में सुप्रिया सुले ने कहा कि विकास निधि को मतदाता समर्थन से जोड़ना गंभीर मामला है और चुनाव आयोग की जिम्मेदारी है कि ऐसे बयानों पर निगरानी रखे। उन्होंने कहा, “हमारा लोकतंत्र मजबूत तभी रहेगा जब चुनाव आयोग अपनी संवैधानिक जिम्मेदारी निभाए। पिछले कुछ सालों में चुनाव आयोग के प्रति असंतोष बढ़ा है, लेकिन हमें संस्था पर भरोसा रखना चाहिए।” उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सत्ता पक्ष दबाव बनाकर चुनाव को प्रभावित करने की कोशिश कर रहा है।
विपक्षी दलों का हमला
उद्धव ठाकरे की शिवसेना, कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने बयान को ‘धमकी’ बताया है। उनका कहना है कि यह सीधे तौर पर मतदाताओं को प्रभावित करने की कोशिश है, और ऐसे बयान चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन हैं। दलों ने मांग की है कि चुनाव आयोग तुरंत संज्ञान लेकर कार्रवाई करे।