KNEWS DESK- आज यानी 20 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में हुए दुष्कर्म और हत्या के मामले पर स्वतः संज्ञान लिया। इस मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता में की गई। अदालत ने इस मामले में बंगाल सरकार की भूमिका पर तीखे सवाल उठाए और आरोप लगाया कि सरकार और स्थानीय प्रशासन ने घटना को गंभीरता से नहीं लिया।
सुप्रीम कोर्ट ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज में हुई तोड़फोड़ की घटना पर बंगाल सरकार को 22 अगस्त तक एक रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है। इसके अलावा, कोर्ट ने कहा कि अगली सुनवाई 22 अगस्त को होगी और इस मामले में एक राष्ट्रीय टास्क फोर्स का गठन किया जाएगा। टास्क फोर्स को दो महीने में अपनी अंतिम रिपोर्ट पेश करनी होगी।
सुनवाई के दौरान, चीफ जस्टिस चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला, और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने मामले की लाइव स्ट्रीमिंग की और लेट, लापरवाही और कवरअप के आरोपों पर जमकर फटकार लगाई। कोर्ट ने केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई से गुरुवार तक स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने के लिए कहा है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक नेशनल टास्क फोर्स का गठन किया जाएगा। इस टास्क फोर्स में विभिन्न पृष्ठभूमियों के डॉक्टर शामिल होंगे, जो देशभर में अपनाए जाने वाले सुरक्षा उपायों के सुझाव देंगे। इस कदम का उद्देश्य कार्यस्थल पर डॉक्टरों की सुरक्षा को बढ़ाना और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकना है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट की गंभीरता और त्वरित कार्रवाई से यह स्पष्ट हो गया है कि उच्चतम न्यायालय ने इस प्रकरण को गंभीरता से लिया है और इसका उद्देश्य न केवल मामले की सही जांच सुनिश्चित करना है, बल्कि पूरे देश में डॉक्टरों की सुरक्षा को भी प्राथमिकता देना है।
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