KNEWS DESK- देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो द्वारा बीते कुछ दिनों में 1000 से अधिक उड़ानों को अचानक रद्द किए जाने और सैकड़ों उड़ानों के गंभीर रूप से देरी से संचालित होने के मामले में अब सुप्रीम कोर्ट दखल देने जा रहा है। इस मुद्दे को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर सर्वोच्च न्यायालय आज, 8 दिसंबर को सुनवाई करेगा।
पायलटों के नए FDTL नियमों पर विवाद, अनुच्छेद 21 के उल्लंघन का आरोप
सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता नरेंद्र मिश्रा की ओर से दाखिल PIL में दावा किया गया है कि इंडिगो द्वारा बड़े पैमाने पर उड़ानें रद्द किए जाने से यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा है, जो सीधे तौर पर उनके अनुच्छेद 21 – जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता के अधिकार का उल्लंघन है।
याचिका में कहा गया है कि उड़ानें रद्द होने के पीछे पायलटों के लिए लागू किए गए नए Flight Duty Time Limit (FDTL) नियमों को गलत ठहराया जा रहा है, जबकि एयरलाइन समय रहते किसी प्रभावी वैकल्पिक व्यवस्था करने में विफल रही। इससे एयरपोर्ट पर फंसे यात्रियों को मानवीय संकट जैसी स्थिति का सामना करना पड़ा।
तत्काल सुनवाई की मांग के लिए CJI के निवास पहुंचे वकील
6 दिसंबर को याचिकाकर्ता के अधिवक्ता नरेंद्र मिश्रा सीधे मुख्य न्यायाधीश (CJI) जस्टिस सूर्यकांत के आवास पहुंचे और इस मामले में तत्काल सुनवाई की मांग की।
मिश्रा के अनुसार,
- CJI ने याचिका का संज्ञान लिया।
- अपने स्टाफ को तत्काल आवश्यक निर्देश दिए।
- और मामले की प्रगति के लिए ओएसडी कुंतल शर्मा पाठक का संपर्क विवरण भी उपलब्ध कराया।
- CJI की ओर से आश्वासन मिलने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने आज इस जनहित याचिका को सूचीबद्ध किया है।
यात्रियों के लिए वैकल्पिक यात्रा और मुआवजे की मांग
याचिका में कोर्ट से निम्न मांगें की गई हैं—
- संकट में फंसे यात्रियों के लिए वैकल्पिक यात्रा की तत्काल व्यवस्था की जाए।
- इंडिगो से उचित मुआवजा दिलाया जाए।
- और एयरलाइन संचालन में अचानक उत्पन्न इस व्यापक अव्यवस्था की न्यायिक जांच करवाई जाए।
याचिकाकर्ता ने कहा कि चार दिनों में हजारों यात्रियों को एयरपोर्ट पर रातें गुजारनी पड़ीं, उनकी यात्रा योजनाओं पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा और कई लोगों के महत्वपूर्ण कार्यक्रम छूट गए।
क्या है पूरा मामला?
पिछले चार दिनों में इंडिगो ने-
- 1000 से अधिक उड़ानें रद्द की हैं।
- सैकड़ों उड़ानें घंटों देरी से चली हैं।
- जिससे देशभर के एयरपोर्ट पर अव्यवस्था की स्थिति बन गई है।
- कई यात्रियों ने सोशल मीडिया पर शिकायतें दर्ज कर एयरलाइन प्रबंधन और डीजीसीए पर कार्रवाई की मांग की है।
सुप्रीम कोर्ट की आज होने वाली सुनवाई इस पूरे संकट पर बड़ा फैसला लेकर आ सकती है। देशभर के प्रभावित यात्रियों की निगाहें अब उच्चतम न्यायालय की कार्रवाई पर टिकी हैं।