डिजिटल डेस्क- उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर जिले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लेकर विवादित बयान देना एक सरकारी अधिकारी को भारी पड़ गया। बिरसिंहपुर संयुक्त अस्पताल के प्रभारी मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (CMS) डॉ. भास्कर प्रसाद को शासन ने तत्काल प्रभाव से निलंबित (Suspend) कर दिया है। उनके खिलाफ यह कार्रवाई उस वायरल वीडियो के बाद की गई है, जिसमें वे आम आदमी पार्टी (AAP) के धरना प्रदर्शन के दौरान कहते हुए नजर आ रहे हैं “अर्थी निकालनी है तो सरकार की और मुख्यमंत्री योगी की निकालो।” मुख्य सचिव (स्वास्थ्य) आईएएस अमित कुमार घोष ने इस बयान को गंभीर अनुशासनहीनता और आचरण नियमों का उल्लंघन मानते हुए निलंबन का आदेश जारी किया। आदेश के मुताबिक, डॉ. भास्कर को सस्पेंड कर उनका मुख्यालय सुल्तानपुर मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय को निर्धारित किया गया है। साथ ही, पूरे प्रकरण की विभागीय जांच के निर्देश भी दिए गए हैं।
आप कार्यकर्ताओं के प्रदर्शन के दौरान कही थी ये बात
जानकारी के मुताबिक, आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता बिरसिंहपुर संयुक्त अस्पताल की जर्जर स्थिति और खराब स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे। इस दौरान डॉ. भास्कर प्रदर्शन स्थल पर पहुंचे और मंच से बयान देते हुए कहा कि “यदि अर्थी निकालनी है, तो सरकार और मुख्यमंत्री की निकालो।” उनका यह वीडियो तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसके बाद पूरे जिले में हड़कंप मच गया।
वीडियो वायरल होने के बाद हरकत में आया शासन
वीडियो सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग में भी हलचल मच गई। शासन ने मामले का तत्काल संज्ञान लिया और जांच के बाद डॉ. भास्कर को निलंबित करने का आदेश जारी कर दिया। यह कार्रवाई मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रति आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर शासन की “जीरो टॉलरेंस नीति” के तहत की गई मानी जा रही है। सरकारी सेवा नियमों के अनुसार, किसी भी सरकारी अधिकारी या कर्मचारी को राजनीतिक गतिविधियों में शामिल होने या राजनीतिक बयान देने की अनुमति नहीं होती। ऐसे में डॉ. भास्कर का बयान न केवल सेवा आचरण नियमों का उल्लंघन माना गया, बल्कि सरकार की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाने वाला भी बताया गया है।