बिजली मंत्री एके शर्मा का सख्त एक्शन, अफसर की अमर्यादित भाषा और लापरवाही पर तत्काल निलंबन, जनता से संवेदनशील व्यवहार की चेतावनी

KNEWS DESK- उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री एके शर्मा इन दिनों बिजली व्यवस्था की खामियों और अफसरशाही के ढीले रवैये पर लगातार सख्त रुख अपना रहे हैं। शनिवार को उन्होंने बस्ती जिले के एक वरिष्ठ अधिकारी को जनता से असंवेदनशील व्यवहार और लापरवाही के आरोप में तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। यह कार्रवाई एक उपभोक्ता और अधिकारी के बीच वायरल हुए ऑडियो टेप के आधार पर की गई, जिसे एक पूर्व सांसद ने खुद मंत्री तक पहुंचाया था।

ऊर्जा मंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर उपभोक्ता और अधिकारी के बीच हुई अशोभनीय बातचीत का ऑडियो सार्वजनिक करते हुए अपनी नाराजगी जाहिर की। उन्होंने लिखा कि एक वरिष्ठ नेता ने अपने क्षेत्र की बिजली समस्या को लेकर भेजी शिकायत के साथ यह ऑडियो भी भेजा था। ऑडियो में बिजली विभाग के वरिष्ठ अधिकारी की असंवेदनशील और तड़क-भड़क भाषा सुनकर मंत्री खुद स्तब्ध रह गए।

कुछ ही घंटों में एके शर्मा ने कड़ा कदम उठाते हुए बस्ती जिले के अधिकारी प्रशांत सिंह को निलंबित कर दिया। उन्होंने लिखा “उपभोक्ता की शिकायत को लेकर असंवेदनशीलता और अमर्यादित व्यवहार के चलते, बस्ती के अधिकारी प्रशांत सिंह को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है।”

मंत्री ने साफ शब्दों में कहा कि टोल-फ्री नंबर 1912 और तकनीकी व्यवस्थाएं केवल पूरक हो सकती हैं, इनसे अधिकारियों की सीधी जिम्मेदारी खत्म नहीं हो सकती। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ अफसरों ने 1912 को ही एकमात्र माध्यम बना दिया है, जिसके चलते जनता को सीधे अधिकारियों से संवाद का अवसर नहीं मिल रहा।

“फोन न उठाना अब सामान्य बात हो गई है। जनता परेशान है और विभागीय अफसरों की संवेदनशीलता खत्म होती जा रही है,” – एके शर्मा

एके शर्मा ने चेतावनी देते हुए कहा “बिजली विभाग के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को चेतावनी देता हूं कि जनता से त्वरित, जिम्मेदार और मर्यादित भाषा में संवाद करें, अन्यथा परिणाम गंभीर होंगे। यह आखिरी चेतावनी है।”

एक पूर्व सांसद ने बिजली मंत्री को व्हाट्सएप के जरिए अवगत कराया कि बस्ती जिले के एक बड़े मोहल्ले में सुबह 10 बजे से बिजली नहीं थी, और रात 8 बजे तक कोई सुनवाई नहीं हुई। अधिकारी को कॉल करने पर उन्होंने बेहद अमर्यादित और असंवेदनशील भाषा में बात की, जिससे स्पष्ट होता है कि कुछ अफसर सरकार की छवि को जानबूझकर नुकसान पहुंचा रहे हैं।