एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई ने पेश की इंसानियत की मिसाल, सड़क हादसे में घायल बुजुर्ग को पहुंचाया अस्पताल

KNEWS DESK-  उत्तर प्रदेश के संभल जिले में एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई ने एक अनोखी इंसानियत की मिसाल पेश की। बहजोई मार्ग पर एक सड़क हादसे के बाद एसपी ने अपनी सुरक्षा काफिला रोककर घायल बुजुर्ग को तुरंत अस्पताल भेजने की पहल की, जिससे उनकी जान बचाई जा सकी। एसपी की यह पहल अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है और लोग उनकी सराहना कर रहे हैं।

सड़क हादसे में गंभीर रूप से घायल बुजुर्ग

यह घटना बहजोई मार्ग के भवन चौराहे के पास हुई, जहां एक मोटरसाइकिल और कार की टक्कर हो गई थी। हादसे में एक बुजुर्ग व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गए थे। उनके माथे से खून बह रहा था और वह बुरी तरह तड़प रहे थे। घटनास्थल पर आसपास के लोग सहायता के लिए जुटे थे, लेकिन कोई भी उन्हें अस्पताल नहीं ले जा पा रहा था।

एसपी ने दिखाया इंसानियत का जज्बा

इसी बीच, एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई अपने काफिले के साथ घटनास्थल से गुजर रहे थे। उन्होंने देखा कि एक बुजुर्ग व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हैं और तुरंत काफिले को रुकवाया। एसपी विश्नोई घायल बुजुर्ग के पास पहुंचे, उनका हालचाल लिया और बिना किसी देरी के उन्हें अपने वाहन से अस्पताल भेज दिया। एसपी के इस कदम ने न केवल वहां खड़े लोगों को हैरान किया, बल्कि उनके इस नेक कार्य ने सभी को एक मिसाल दी।

आसपास के लोग भी हुए भावुक

एसपी के इस साहसी कदम को देखकर वहां मौजूद लोग भी भावुक हो गए। एक स्थानीय निवासी ने कहा, “आज के समय में जहां लोग मदद के लिए रुकते नहीं, वहीं एसपी ने खुद अपनी मिसाल पेश की। उनके इस कदम से इंसानियत का अहसास होता है।” एसपी विश्नोई का यह कदम उन लोगों के लिए एक प्रेरणा है, जो अक्सर मदद करने में संकोच करते हैं। हादसे में घायल बुजुर्ग का इलाज अस्पताल में किया गया और उनकी हालत अब स्थिर है। अस्पताल के डॉक्टरों ने कहा कि समय पर उपचार मिलने के कारण उनकी जान बच गई।

एसपी विश्नोई का कार्य ने किया दिल छूने वाला प्रभाव

एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई की इस पहल ने यह साबित कर दिया कि उनका पद केवल जिम्मेदारी निभाने तक सीमित नहीं है, बल्कि वे इंसानियत की रक्षा करने के लिए भी हमेशा तैयार रहते हैं। यह घटना यह संदेश देती है कि अगर हम इंसानियत की मिसाल कायम करें तो समाज में हर व्यक्ति की मदद करने का जज्बा बढ़ सकता है।

एसपी के इस साहसिक कदम ने यह भी सिद्ध कर दिया कि प्रशासनिक अधिकारी न केवल अपने कर्तव्यों को निभाते हैं, बल्कि समाज में एक बेहतर बदलाव लाने के लिए हर संभव प्रयास करते हैं।

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