KNEWS DESK- पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक और लद्दाख के 150 नागरिकों को मंगलवार रात को दिल्ली पुलिस द्वारा रिहा किया गया, लेकिन जल्द ही उन्हें फिर से हिरासत में ले लिया गया। वांगचुक और अन्य प्रदर्शनकारी बवाना थाने में रखे गए हैं, जबकि बाकी लोगों को नरेला औद्योगिक क्षेत्र, अलीपुर और कंझावला पुलिस स्टेशनों में रखा गया है। पुलिस स्टेशनों पर उनके अनिश्चितकालीन अनशन का कार्यक्रम जारी है।
दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने जानकारी दी कि वांगचुक और अन्य को पहले रिहा किया गया था, लेकिन उन्होंने दिल्ली के मध्य भाग की ओर मार्च करने की जिद की, जिसके कारण उन्हें फिर से हिरासत में लिया गया।
ये प्रदर्शनकारी केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख को विशेष दर्जा देने की मांग के लिए दिल्ली में प्रदर्शन कर रहे थे। सोमवार रात उन्हें पहले ही हिरासत में लिया गया था, और मंगलवार देर रात रिहा किए जाने के बाद वे फिर से सड़क पर उतरने के लिए तैयार थे।
इस घटनाक्रम ने एक बार फिर से लद्दाख के विशेष दर्जे की मांग को चर्चा में ला दिया है, और प्रदर्शनकारियों की दृढ़ता इस मुद्दे पर उनके लगन और प्रतिबद्धता को दर्शाती है। उनकी आवाज़ अब दिल्ली की राजनीति में एक महत्वपूर्ण मुद्दा बनती जा रही है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि लद्दाख की जनता अपनी मांगों के प्रति कितनी गंभीर है।