डिजिटल डेस्क- उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले में नाबालिग के साथ हुए दुष्कर्म और हत्या के सनसनीखेज मामले में अदालत ने सख्त रुख अपनाते हुए आरोपी को फांसी की सजा सुनाई है। पॉक्सो कोर्ट संख्या-14 के विशेष न्यायाधीश भगीरथ वर्मा ने गुरुवार को अपना फैसला सुनाते हुए इसे दुर्लभतम से दुर्लभ अपराध करार दिया।
2019 का है मामला
यह मामला जनवरी 2019 का है। इमलिया सुल्तानपुर थाना क्षेत्र में रहने वाली मासूम बच्ची को उसका रिश्ते का चाचा नीलू टॉफी दिलाने के बहाने दुकान ले गया था। देर तक घर न लौटने पर परिजनों ने तलाश शुरू की और बाद में बच्ची का शव पास की नदी से बरामद हुआ। जांच में खुलासा हुआ कि आरोपी ने बच्ची के साथ दुष्कर्म कर उसकी हत्या की और सबूत मिटाने के लिए शव नदी में फेंक दिया।
छह साल चली सुनवाई, अब आया फैसला
घटना के बाद इलाके में भारी आक्रोश फैल गया था। पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। वह तब से न्यायिक हिरासत में था। लगभग छह साल तक चली सुनवाई और गवाहों के बयान दर्ज करने के बाद अदालत ने नीलू को दोषी पाया और मृत्युदंड का आदेश सुनाया।
परिवार ने जताया न्याय व्यवस्था पर भरोसा
फैसले के बाद पीड़िता के परिवार ने न्याय व्यवस्था पर भरोसा जताया। उन्होंने कहा कि उनकी बेटी को न्याय मिला है, हालांकि उसकी कमी कभी पूरी नहीं हो सकती। ग्रामीणों और सामाजिक संगठनों ने भी अदालत के इस कड़े फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि इससे अपराधियों को सख्त संदेश जाएगा। यह सीतापुर में दूसरा मौका है जब किसी मामले में फांसी की सजा सुनाई गई है। न्यायाधीश ने टिप्पणी की कि “मासूम बच्ची के साथ हुई यह बर्बर वारदात मानवता को शर्मसार करती है और ऐसे अपराधियों को जीने का कोई अधिकार नहीं है।”