SIR प्रक्रिया की समय सीमा बढ़ी: अब 11 दिसंबर तक जमा होंगे फॉर्म, सूचियों का अंतिम प्रकाशन अब 14 फरवरी को

डिजिटल डेस्क- देश के 12 राज्यों में चल रही SIR (Summary Intensive Revision) प्रक्रिया के बीच सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए इसकी समयसीमा एक सप्ताह के लिए बढ़ा दी है। पहले SIR फॉर्म जमा करने की अंतिम तारीख 4 दिसंबर तय की गई थी, जिसे अब बढ़ाकर 11 दिसंबर 2025 कर दिया गया है। यह निर्णय ऐसे समय में आया है जब कई जिलों और राज्यों से BLOs पर अत्यधिक काम के दबाव की शिकायतें मिल रही थीं। कई स्थानों पर तो दबाव के कारण BLOs के बीमार होने, दिल का दौरा पड़ने और यहां तक कि आत्महत्या की खबरें भी सामने आईं, जिसके बाद सरकार पर समय बढ़ाने को लेकर दबाव बढ़ा था। सरकार ने न केवल SIR फॉर्म की समयसीमा बढ़ाई है, बल्कि पूरे इलेक्टोरल रोल रिवीजन शेड्यूल में भी बदलाव किया है। पहले ड्राफ्ट वोटर लिस्ट 9 दिसंबर 2025 को जारी होनी थी, लेकिन अब इसे एक सप्ताह आगे बढ़ाते हुए 16 दिसंबर 2025 को पब्लिश किया जाएगा। यह बदलाव उन जिलों के लिए राहत माना जा रहा है जहां SIR फॉर्म का काम 50 प्रतिशत से भी कम पूरा हुआ है।

तारीखों में हुए बदलाव – नया शेड्यूल

1. ड्राफ्ट वोटर लिस्ट पब्लिकेशन:
पहले – 9 दिसंबर 2025
अब – 16 दिसंबर 2025

2. दावे और आपत्तियां दर्ज करने की अवधि:
पहले – 9 दिसंबर 2025 से 8 जनवरी 2026
अब – 16 दिसंबर 2025 से 15 जनवरी 2026

3. अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन:
पहले – 7 फरवरी 2026
अब – 14 फरवरी 2026

इस तरह पूरी प्रक्रिया को एक सप्ताह आगे बढ़ा दिया गया है ताकि अधिकारी बिना दबाव के काम पूरा कर सकें और मतदाता भी समय रहते अपने दस्तावेज जमा कर सकें।

BLO के दबाव में मिली राहत

SIR प्रक्रिया में फील्ड पर तैनात BLOs (Booth Level Officers) पर काम का काफी दबाव था। कई राज्यों में अभी भी SIR फॉर्म का कार्य निर्धारित समय के मुकाबले काफी पीछे चल रहा है। रिपोर्ट्स के अनुसार, कई जिलों में यह काम 50 प्रतिशत से भी कम पूरा हुआ है। समयसीमा बढ़ने से जहाँ अधिकारी राहत की सांस ले रहे हैं, वहीं आम नागरिकों को भी अपने दस्तावेज पूरे करने और फॉर्म जमा करने के लिए अतिरिक्त समय मिल गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार का यह कदम न केवल प्रशासनिक कार्यप्रणाली को सहज बनाएगा बल्कि अंतिम वोटर लिस्ट की गुणवत्ता भी बेहतर होगी। माना जा रहा है कि अतिरिक्त समय मिलने से फॉर्म भरने में हो रही तकनीकी और दस्तावेजी त्रुटियाँ भी कम होंगी।

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