सिद्धारमैया का स्पष्ट इनकार, सीएम पद से इस्तीफा नहीं दूंगा, ‘यह हमारी सरकार को अस्थिर करने का प्रयास’

KNEWS DESK-  कर्नाटक में मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (मुडा) मामले ने राजनीतिक तापमान को बढ़ा दिया है। भाजपा और जेडीएस के नेता मुख्यमंत्री सिद्धारमैया से इस्तीफे की मांग कर रहे हैं, लेकिन सिद्धारमैया ने इन मांगों को ठुकराते हुए कहा है कि यह उनकी सरकार को अस्थिर करने का प्रयास है।

सिद्धारमैया का स्पष्ट बयान

मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा, “मैं इस्तीफा नहीं दूंगा। एचडी कुमारस्वामी एक मंत्री हैं और उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज होने के बावजूद वह जमानत पर हैं। वे नरेंद्र मोदी सरकार में मंत्री हैं। उनका मकसद हमारी सरकार को अस्थिर करना है।” उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा ने ऑपरेशन लोटस चलाने की कोशिश की, लेकिन उन्हें असफलता मिली, क्योंकि उनके पास 136 विधायक हैं।

भाजपा का तगड़ा पलटवार

सिद्धारमैया के बयान पर भाजपा नेता सीटी रवि ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “कांग्रेस डरी हुई है, क्योंकि उन पर भ्रष्टाचार के आरोप हैं। यदि वे ईमानदार हैं, तो उन्हें जांच से डरना नहीं चाहिए।” उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने सीबीआई की सामान्य सहमति रद्द कर दी है क्योंकि वे भ्रष्टाचार में लिप्त हैं।

मुडा घोटाले का सार

मुडा घोटाला उन आरोपों से संबंधित है कि सिद्धारमैया की पत्नी, बीएम पार्वती, को मैसूर के एक महंगे इलाके में मुआवजा स्थल आवंटित किया गया था, जिसकी संपत्ति का मूल्य उनकी भूमि के अधिग्रहण के मुकाबले अधिक था। मुडा ने पार्वती को 3.16 एकड़ भूमि के बदले भूखंड आवंटित किए, जहां एक आवासीय लेआउट विकसित किया गया था।

राज्यपाल का कदम और हाईकोर्ट का झटका

राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने सिद्धारमैया को कारण बताओ नोटिस जारी किया था और उनके खिलाफ जांच शुरू करने और मुकदमा चलाने की मंजूरी दी थी। इस आदेश को सिद्धारमैया ने हाईकोर्ट में चुनौती दी, लेकिन अदालत ने उनके खिलाफ केस चलाने की मंजूरी दे दी, जो उनके लिए एक बड़ा झटका साबित हुआ।

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