डिजिटल डेस्क- उत्तर प्रदेश के जौनपुर से पूर्व सांसद और बाहुबली छवि वाले धनंजय सिंह को प्रयागराज हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। वाराणसी के चर्चित नदेसर टकसाल ओपन शूटआउट मामले से जुड़े गैंगस्टर एक्ट के ट्रायल कोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली उनकी क्रिमिनल अपील को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया। जस्टिस लक्ष्मी कांत शुक्ला की सिंगल बेंच ने कहा कि इस तरह के मामलों में व्यक्तिगत शिकायतकर्ता की अपील कानूनन स्वीकार्य नहीं होती। मामला अक्टूबर 2002 का है, जब वाराणसी के कैंट थाना क्षेत्र में टकसाल सिनेमा हॉल के पास तत्कालीन विधायक धनंजय सिंह के काफिले पर घात लगाकर ताबड़तोड़ फायरिंग की गई थी। हमलावरों ने एके–47 जैसे ऑटोमेटिक हथियारों का इस्तेमाल किया था, जिससे यह वाराणसी का पहला ‘ओपन शूटआउट’ बन गया। हमले में धनंजय सिंह बाल-बाल बच गए थे। उन्होंने विधायक अभय सिंह, एमएलसी विनीत सिंह सहित कई लोगों के खिलाफ हत्या के प्रयास और गैंगस्टर एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज कराई थी।
29 अगस्त को कोर्ट ने आरोपियों को किया था बरी
लंबी सुनवाई के बाद 29 अगस्त 2025 को ट्रायल कोर्ट ने गैंगस्टर एक्ट के इसी मामले में आरोपी सदीप सिंह, संजय सिंह, विनोद सिंह और सतेंद्र सिंह उर्फ बबलू को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया था। यह फैसला धनंजय सिंह को स्वीकार नहीं हुआ, जिसके बाद उन्होंने प्रयागराज हाईकोर्ट में अपील दायर की। उनकी ओर से दलील दी गई कि वह इस मामले में पीड़ित हैं और उनकी जान पर हमला हुआ था, इसलिए उनकी अपील सुनी जानी चाहिए।
क्या कहा हाईकोर्ट ने?
हाईकोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद स्पष्ट किया कि गैंगस्टर एक्ट व्यक्तिगत पीड़ित के हितों की रक्षा के लिए नहीं बनाया गया है। कोर्ट ने कहा कि ऐसे अपराध सीधे तौर पर राज्य और समाज के खिलाफ माने जाते हैं, इसलिए ‘पीड़ित’ के रूप में किसी निजी व्यक्ति की अपील पोषणीय नहीं मानी जा सकती। इसी आधार पर अदालत ने धनंजय सिंह की क्रिमिनल अपील को खारिज कर दिया।