इंदौर, बावड़ी (शासन, प्रशासन की नजर में हादसा और आमजन की नजर में हत्याकांड) घटना में 35 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है और और एक व्यक्ति सुनील सोलंकी लापता है, जिनकी तलाश की जा रही है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान 31 मार्च सुबह साढ़े नौ बजे इंदौर पहुंचे और पहले उन्होंने 15 मिनट अस्पताल का दौरा कर मरीजों से मुलाकात की और परिजन से दो मिनट मिले. इसके बाद वह घटनास्थल गए, जहां करीब आठ मिनट रुके. इस दौरान वहां गुस्से में खड़ी जनता ने चिल्लाकर पूछा कि बगीचों से अवैध अतिक्रमण कब हटवाएंगे, इन 40 मौतों का जिम्मेदार कौन है? लोगों ने मुख्यमंत्री के खिलाफ नारेबाजी भी की.
मुख्यमंत्री चौहान ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि- घटना दुखद है, जांच में जो भी दोषी होगा उस पर कार्रवाई होगी, पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है. मैंने पूरे प्रदेश में ऐसे जो भी ढंके कुएं, बावड़ी है, उनकी जांच के आदेश दिए हैं. इसी तरह खुले बोरवेल मामले में भी आदेश दिए हैं. अभी प्राथमिकता रेस्क्यू ऑपरेशन की है, एक साथी अभी भी लापता है, इसके लिए काम चल रहा है. सीएम बोले कि मैं रात भर जागता रहा और रेस्क्यू ऑपरेशन की जानकारी लेता रहा. बाकी सभी अधिकारी भी मौके पर रहे और लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन चलता रहा. सभी को मुआवजा दिया जाएगा, पीएम ने भी राहत की बात कही है. वह भी इस घटना की जानकारी लेते रहे.
पीड़ितों के परिजनों से मिले सीएम
निजी अस्पताल में सीएम के साथ सांसद शंकर लालवानी, मंत्री तुलसी सिलावट के साथ ही विधायक मालिनी गौड़, आकाश विजयवर्गीय, महापौर पुष्यमित्र भार्गव के साथ अन्य साथ थे. परिजनों से मिलते समय सीएम ने कैमरे बंद करवाने के लिए कहा. वहीं जब आईसीयू में जाने की बात आई तो सीएम के साथ कई नेता व अन्य साथ में चले गए, मुश्किल से अस्पताल प्रबंधन ने दरवाजा बंद करवाकर लोगों को जाने से रोका.
हादसे के बाद शहर में शोकर की लहर, लोगों ने बंद की दुकान
30 मार्च को रामनवमीं पर हुए दर्दनाक हादसे के बाद 31 मार्च को सुबह से ही क्षेत्र के सभी बाजार और दुकानें बंद रहीं. गलियों में सन्नाटा पसरा है. सपना संगीता टॉकीज के सामने वाली गली में स्थित बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर में हृदय विदारक घटना के शोक स्वरूप पटेल नगर, स्नेह नगर, अग्रवाल नगर, सिंधी कॉलोनी, जागृति नगर, सर्वोदय नगर, पंचशील नगर की दुकानें नहीं खुलीं. हर जगह कल की घटना को लेकर ही चर्चा होती रही. जानकारी के मुताबिक, हादसे में कच्छी पटेल-पाटीदार और सिंधी समाज के लोग ज्यादा प्रभावित हुए हैं.