शारदीय नवरात्रि 2025: अष्टमी और नवमी तिथि का महत्व, जानें कन्या पूजन और शुभ मुहूर्त…

KNEWS DESK- शारदीय नवरात्रि हिंदू धर्म का एक अत्यंत पावन और शक्तिपूर्ण पर्व है, जो देवी दुर्गा की उपासना को समर्पित होता है। यह पर्व नौ दिनों तक चलता है और हर दिन मां दुर्गा के एक-एक स्वरूप की पूजा की जाती है। इन नौ दिनों में भक्तजन व्रत, पूजन, जप, अनुष्ठान और साधना के माध्यम से मां दुर्गा की कृपा प्राप्त करते हैं। हालांकि नवरात्रि के सभी दिन विशेष होते हैं, लेकिन अष्टमी और नवमी तिथि का अपना ही आध्यात्मिक और धार्मिक महत्व होता है।

नवरात्रि की अष्टमी तिथि को महाष्टमी या दुर्गाष्टमी कहा जाता है। यह दिन मां दुर्गा के आठवें स्वरूप महागौरी की पूजा के लिए समर्पित होता है। अष्टमी के दिन व्रत-उपवास, दुर्गा सप्तशती पाठ, हवन और कन्या पूजन का विशेष महत्व होता है।

इस दिन भक्तजन 2 से 9 वर्ष की आयु की कुंवारी कन्याओं को देवी का रूप मानकर आमंत्रित करते हैं, उनका पूजन करते हैं, उन्हें स्वादिष्ट भोजन, उपहार और दक्षिणा देकर सम्मानित करते हैं। यह विश्वास है कि कन्याओं में मां दुर्गा स्वयं विराजमान होती हैं और उनका पूजन करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है।

नवरात्रि की नवमी तिथि, जिसे महानवमी कहा जाता है, देवी उपासना का अंतिम दिन होता है। इस दिन मां दुर्गा के नौवें स्वरूप सिद्धिदात्री की पूजा होती है। नवमी को भी कन्या पूजन और हवन का विशेष विधान है। यह दिन सभी साधनाओं के पूर्णता का प्रतीक होता है। नवमी को कन्या पूजन के साथ ही राम नवमी का भी योग बन सकता है, जिससे इसका महत्व और भी बढ़ जाता है।

कन्या पूजन नवरात्रि की अष्टमी और नवमी को विशेष रूप से किया जाता है। धार्मिक मान्यता है कि इन मासूम कन्याओं में देवी दुर्गा की अलग-अलग शक्तियों का वास होता है-

2 वर्ष की कन्या – कुमारिका

3 वर्ष – त्रिमूर्ति

4 वर्ष – कल्याणी

5 वर्ष – रोहिणी

6 वर्ष – कालिका

7 वर्ष – चंडिका

8 वर्ष – शाम्भवी

9 वर्ष – दुर्गा

इन कन्याओं का विधिवत पूजन, चरण वंदन, भोजन और वस्त्र-उपहार प्रदान करना मां दुर्गा को अत्यंत प्रिय होता है। इससे साधक को विशेष रूप से संतान सुख, समृद्धि, सौभाग्य, और शत्रु नाश का आशीर्वाद मिलता है।

2025 में अष्टमी और नवमी तिथि एवं शुभ मुहूर्त

अष्टमी तिथि आरंभ:
29 सितंबर 2025, सोमवार – शाम 4:31 बजे
अष्टमी तिथि समाप्त:
30 सितंबर 2025, मंगलवार – शाम 6:06 बजे

उदयातिथि के अनुसार दुर्गाष्टमी व्रत और पूजा:
30 सितंबर 2025 (मंगलवार)

ब्रह्म मुहूर्त: प्रातः 4:37 से 5:25 बजे तक
अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 11:47 से 12:35 बजे तक
कन्या पूजन का शुभ मुहूर्त: प्रातः 10:40 से 12:10 बजे तक