कोलकाता में सात घंटे की बारिश ने तोड़े रिकॉर्ड, जलजमाव, मौतें और दुर्गा पूजा पर संकट

KNEWS DESK- सोमवार आधी रात से मंगलवार सुबह तक कोलकाता में हुई भीषण बारिश ने शहर को थमने पर मजबूर कर दिया। महज 7 घंटे में 252 मिमी बारिश हुई — जो शहर की सालाना औसत बारिश (1,345.5 मिमी) का लगभग 20% है। इस अत्यधिक वर्षा ने कोलकाता के कई इलाकों को जलमग्न कर दिया, यातायात व्यवस्था को ठप कर दिया और कम से कम 10 लोगों की जान ले ली। यह घटना न सिर्फ एक प्राकृतिक आपदा बनकर उभरी, बल्कि राज्य के सबसे बड़े पर्व दुर्गा पूजा पर भी संकट की तरह आ गई है।

बारिश की तीव्रता को देखते हुए कोलकाता के कई इलाकों ने दशकों पुराने आंकड़ों को पीछे छोड़ दिया।
सबसे ज्यादा बारिश दर्ज की गई-

गरिया: 332 मिमी

जोधपुर पार्क: 285 मिमी

कालीघाट: 280 मिमी

टॉस्पिया: 275 मिमी

बालीगंज: 264 मिमी

चेतला: 262 मिमी

मोमिनपुर: 234 मिमी

बेलेघाटा: 217 मिमी

धापा: 212 मिमी

अल्टाडांगा: 207 मिमी

शहर के निचले इलाके घंटों तक पानी में डूबे रहे, जिससे सड़क, रेल और हवाई यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ।

इस बारिश ने पुराने समय की याद दिला दी। 1978 में दुर्गा पूजा से पहले 280 मिमी बारिश ने शहर को डुबो दिया था। 1986 में 259.5 मिमी बारिश ने कोलकाता की रफ्तार रोक दी थी। इस बार की बारिश ने इन दोनों रिकॉर्ड्स को चुनौती दे दी है।

कई लोगों ने इस आपदा को बादल फटने से जोड़ दिया, लेकिन भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने इसे खारिज किया है।
IMD के अनुसार, बादल फटने की घटना तब मानी जाती है जब एक घंटे में 100 मिमी से अधिक बारिश होती है। कोलकाता में सबसे ज्यादा 98 मिमी प्रति घंटा बारिश दर्ज की गई — जो बादल फटने की सीमा से थोड़ी कम है।

IMD ने बताया कि यह बारिश बंगाल की खाड़ी में बने कम दबाव के क्षेत्र की वजह से हुई, जो भारी नमी के साथ गंगीय पश्चिम बंगाल की ओर बढ़ा। डॉप्लर रडार ने संकेत दिए कि बादल 5 से 7 किमी ऊंचाई तक सक्रिय थे — जिससे लगातार तेज बारिश होती रही।