डिजिटल डेस्क- बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का एक वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें वे एक महिला डॉक्टर को नियुक्ति पत्र देते समय उनके चेहरे से नकाब नीचे करते हुए नजर आ रहे हैं। इस वीडियो को लेकर बीते दो दिनों से राजनीतिक और सामाजिक हलकों में तीखी प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं। इसी बीच उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री और निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद के एक बयान ने इस संवेदनशील मुद्दे को और अधिक भड़का दिया है।
वह भी तो एक मर्द हैं, नकाब हटाने पर इतना हंगामा क्यों- संजय निषाद
नीतीश कुमार के इस कृत्य की आलोचना करने के बजाय संजय निषाद ने उसका बचाव करते हुए एक टीवी इंटरव्यू में आपत्तिजनक टिप्पणी कर दी। उन्होंने कहा, “वह भी तो एक मर्द हैं, नकाब हटाने पर इतना हंगामा क्यों? उनके हाथ सिर्फ चेहरे पर लगे थे, अगर कहीं और लग जाते तब क्या होता?” मंत्री के इस बयान से न केवल इंटरव्यू ले रहे पत्रकार हैरान रह गए, बल्कि सोशल मीडिया पर भी तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आने लगीं। जब पत्रकार ने स्पष्टीकरण मांगा, तब भी संजय निषाद ने अपनी बात दोहराते हुए वही सवाल फिर से किया। समाजवादी पार्टी की नेता सुमैया राणा ने मंत्री संजय निषाद के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। उनके वकील मिशम जैदी ने कहा कि यह बयान महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने वाला है और धार्मिक भावनाओं को भड़काने वाला है। उन्होंने इसे भारतीय दंड संहिता की धारा 153A के तहत अपराध बताया है, जो सामाजिक सौहार्द बिगाड़ सकता है।
क्या दी सफाई?….
कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने भी संजय निषाद के बयान की कड़ी निंदा की है। राजद नेताओं ने कहा कि किसी भी संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति को किसी महिला के कपड़ों या पहनावे को छूने या उस पर टिप्पणी करने का अधिकार नहीं है। उन्होंने इसे मुस्लिम महिलाओं के प्रति घोर असंवेदनशीलता करार दिया। चारों तरफ से घिरने के बाद संजय निषाद ने सफाई पेश की। उन्होंने समाचार एजेंसी पीटीआई से कहा कि उनका बयान अनौपचारिक बातचीत में, मुस्कुराते हुए और स्थानीय भोजपुरी बोली में कहा गया था। उनका उद्देश्य किसी महिला, समुदाय या धर्म का अपमान करना नहीं था।