डिजिटल डेस्क- आर्यन खान द्वारा निर्देशित नेटफ्लिक्स सीरीज ‘बैड्स ऑफ बॉलीवुड’ पर विवाद गहराता जा रहा है। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) के पूर्व जोनल डायरेक्टर और IRS अधिकारी समीर वानखेडे ने इस वेब सीरीज के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में मानहानि का मुकदमा दायर किया है। वानखेडे का आरोप है कि सीरीज में उनके खिलाफ झूठी और दुर्भावनापूर्ण बातें दिखाई गई हैं, जिससे उनकी प्रतिष्ठा को ठेस पहुंची है। उन्होंने प्रोडक्शन कंपनी रेड चिलीज़ एंटरटेनमेंट, नेटफ्लिक्स, और आर्यन खान समेत कई पक्षों को इस मुकदमे में प्रतिवादी बनाया है।
वेब सीरीज में पेश की गई नकारात्मक छवि
वानखेडे ने अपनी याचिका में कहा है कि वेब सीरीज को जानबूझकर इस तरह बनाया गया है ताकि उनके खिलाफ नकारात्मक छवि पेश की जा सके। उनका कहना है कि यह सीरीज “रंगीन और पूर्वाग्रही” ढंग से तैयार की गई है और उनके करियर के साथ-साथ उनकी सामाजिक प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने का प्रयास करती है। उन्होंने कोर्ट से अपमानजनक कंटेंट पर स्थायी रोक लगाने और 2 करोड़ रुपये के हर्जाने की मांग की है। खास बात यह है कि उन्होंने यह रकम कैंसर रोगियों के इलाज के लिए टाटा मेमोरियल अस्पताल को दान करने की बात कही है।
हाईकोर्ट ने दिए लिखित में जवाब देने के निर्देश
दिल्ली हाईकोर्ट ने इस मामले में सभी पक्षों को लिखित जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं। अगली सुनवाई की तारीख 10 नवंबर तय की गई है। सुनवाई के दौरान समीर वानखेडे की ओर से सीनियर एडवोकेट जे साई दीपक ने पक्ष रखा, जबकि नेटफ्लिक्स की ओर से सीनियर एडवोकेट राजीव नायर पेश हुए।
विगत दिनों पहले कोर्ट ने जारी किया था समन
गौरतलब है कि कुछ दिन पहले कोर्ट ने इस मामले में समन जारी करते हुए वानखेडे से पूछा था कि यह मुकदमा दिल्ली में कैसे स्वीकार्य है। इसके बाद कोर्ट ने उन्हें अपनी याचिका में संशोधन करने का निर्देश दिया था। वानखेडे ने जिन कंपनियों पर मुकदमा किया है, उनमें रेड चिलीज़ एंटरटेनमेंट, नेटफ्लिक्स, X कॉर्प (पूर्व में ट्विटर), गूगल एलएलसी, मेटा प्लेटफॉर्म्स, आरपीजी लाइफस्टाइल मीडिया प्राइवेट लिमिटेड और जॉन डो शामिल हैं।
क्या कहना है समीर वानखेड़े का ?
वानखेडे का कहना है कि सीरीज में एक दृश्य में “सत्यमेव जयते” का नारा लगाने के बाद “मध्यमा उंगली दिखाते हुए अश्लील इशारा” किया गया है, जो राष्ट्रीय सम्मान अपमान निवारण अधिनियम, 1971 का उल्लंघन है। इसके अलावा, उन्होंने आरोप लगाया कि सीरीज में मौजूद कुछ दृश्य IT अधिनियम और भारतीय न्याय संहिता (BNS) के तहत भी दंडनीय हैं क्योंकि ये सामग्री “राष्ट्रीय भावनाओं को आहत” करती है।