KNEWS DESK- संभल में 24 नवंबर को जामा मस्जिद के पास हुए बवाल के बाद पुलिस ने कार्रवाई तेज कर दी है। पुलिस ने अब तक 300 उपद्रवियों की पहचान कर ली है, जिनमें से 250 के पोस्टर पहले ही जारी किए जा चुके हैं। अब 50 और उपद्रवियों को चिह्नित किया गया है, और चौराहों और तिराहों पर उनके पोस्टर चस्पा किए जाएंगे। एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई ने बताया कि वीडियो और फोटो के माध्यम से उपद्रवियों की लगातार पहचान की जा रही है, और सभी चिह्नित उपद्रवियों को गिरफ्तार किया जाएगा।
जामा मस्जिद बवाल का एक और वीडियो सामने आया
बवाल के दौरान पुलिस को ललकारते हुए कुछ लोग भीड़ को उकसा रहे थे, जिसका वीडियो अब सामने आया है। यह वीडियो 24 नवंबर की सुबह 8:55 बजे का है, जब जामा मस्जिद के पास हिंसा शुरू हुई थी। वीडियो में बवाल फैलाने वाले कई उपद्रवियों के चेहरे साफ-साफ दिख रहे हैं। इस हिंसा में पांच लोगों की जान चली गई और 19 पुलिसकर्मी घायल हो गए थे। इस दौरान नखासा तिराहा और हिंदूपुरा खेड़ा इलाके में भी बवाल हुआ था। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए तीन महिला समेत 27 उपद्रवियों को गिरफ्तार किया, जिनकी निशानदेही पर मोबाइल, तमंचे, और पुलिस से लूटा गया सामान बरामद किया गया था।
सप्ताहभर बाद बाजार में रौनक लौटी
संभल में हुए बवाल के एक सप्ताह बाद शहर का बाजार खुलने पर खरीदारी के लिए भीड़ उमड़ पड़ी। बाजार में फिर से रौनक लौट आई, और व्यापारियों के चेहरे पर खुशी की लहर नजर आई। व्यापारियों ने कहा कि पुलिस प्रशासन के प्रयासों से बाजार फिर से खुल पाया है और जल्द ही व्यापार पटरी पर लौट आएगा। शनिवार को बाजार की अधिकांश दुकानें खुल गईं, और लोग खरीदारी करने पहुंचे।
पुलिस और पीएसी का तगड़ा पहरा बरकरार
बवाल के बाद शहर में तनाव तो शांत हो गया है, लेकिन पुलिस और पीएसी का पहरा अब भी बरकरार है। शहर में 10 कंपनियां पीएसी और आरएएफ तैनात की गई हैं। इसके अलावा मुरादाबाद मंडल के सभी जिलों से अतिरिक्त फोर्स भी तैनात की गई है। जिले की स्थानीय फोर्स भी सुरक्षा व्यवस्था में लगी है। एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई ने कहा कि शहर में शांति कायम है, लेकिन एहतियातन प्रमुख चौराहों और बाजारों में अतिरिक्त फोर्स तैनात की गई है।
अखिलेश यादव का बयान
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस घटनाक्रम पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि संभल में सरकार और प्रशासन ने मिलकर झगड़ा कराया है। अखिलेश यादव का आरोप है कि भाजपा देश और प्रदेश में शांति नहीं चाहती है, जबकि समाजवादी पार्टी शांति, खुशहाली और समृद्धि के पक्ष में है। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि जब जामा मस्जिद का सर्वे पहले ही किया जा चुका था, तो दूसरी बार सर्वे की जरूरत क्यों पड़ी। उनका यह भी कहना था कि दूसरी बार सर्वे की टीम में भाजपाई शामिल थे, जिससे स्थिति और तनावपूर्ण हो गई।
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