डिजिटल डेस्क- संभल का इतिहास हमेशा से ही घटनाओं और बदलावों का साक्षी रहा है। जहां पहले दंगे, पलायन और अवैध कब्जों की छाया थी, वहीं अब यह शहर आस्था, अध्यात्म और सुरक्षा के प्रतीक के रूप में उभर रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में संभल ने अपनी पौराणिक पहचान, भगवान कल्कि की नगरी के रूप में फिर से स्थापित की है। शुक्रवार रात्रि 2 बजे 68 तीर्थ और 19 कूपों की 24 कोसी परिक्रमा का शुभारंभ प्राचीन तीर्थ बेनीपुरचक स्थित श्रीवंशगोपाल से लाखों श्रद्धालुओं की मौजूदगी में हुआ। यह परिक्रमा श्रीवंशगोपाल से प्रारंभ होकर भुवनेश्वर, क्षेमनाथ और चंदेश्वर तीर्थों से होकर लौटती है। इन तीन प्रमुख तीर्थों के बीच 87 देवतीर्थ स्थित हैं, जो संभल की समृद्ध आध्यात्मिक विरासत का प्रतीक हैं।
1978 के दंगों के बाद अवैध कब्जों ने पकड़ी थी रफ्तार
1978 के दंगों और उसके बाद के वर्षों में हिंदू परिवारों का पलायन और अवैध कब्जों ने सामाजिक ताने-बाने को चोट पहुंचाई। लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस स्थिति को व्यक्तिगत रूप से गंभीरता से लिया। न्यायिक आयोग की रिपोर्ट ने उन सच्चाइयों को उजागर किया, जिन्हें वर्षों तक दबाया गया। योगी सरकार ने दंगों की साजिश में शामिल लोगों को जेल भेजा, अवैध कब्जों को हटाया और सांप्रदायिक राजनीति पर अंकुश लगाया।
विशेष अभियान के तहत हटाए गए 1067 अतिक्रमण
अवैध कब्जों के खिलाफ विशेष अभियान में 495 वाद दर्ज हुए, जिनमें से 243 निपटाए गए और 1067 अतिक्रमण हटाए गए। कुल 68.94 हेक्टेयर भूमि मुक्त कराई गई। धार्मिक स्थलों पर भी निर्णायक कार्रवाई हुई, जिसमें 16 मस्जिदें, 12 मजारें, 7 कब्रिस्तान और 2 मदरसे शामिल हैं। इसी के साथ 68 पौराणिक तीर्थस्थलों और 19 प्राचीन कूपों के संरक्षण व सौंदर्यीकरण की प्रक्रिया शुरू हुई।
कानून व्यवस्था मजबूत करने के लिए 2 थाने और 45 चौकियां बनाई गई
संभल में कानून की स्थिति भी मजबूत हुई। नए 2 थाने और 45 चौकियां स्थापित की गईं, संवेदनशील इलाकों में सीसीटीवी और ड्रोन सर्वे की व्यवस्था की गई। बिजली चोरी रोकने के अभियानों से लाइन लॉस 82% से घटकर 18% हुआ, जिससे 84 करोड़ रुपये की बचत हुई।