बिहार मतदाता सूची संशोधन पर घमासान, भाजपा और विपक्ष में तीखी नोकझोंक

KNEWS DESK- भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मंगलवार को बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के विरोध में विपक्षी दलों पर तीखा हमला बोला। भाजपा ने विपक्ष पर गुंडागर्दी का सहारा लेने और बांग्लादेशी व रोहिंग्या घुसपैठियों को वोटिंग का अधिकार दिलाने की कोशिश करने का गंभीर आरोप लगाया। दूसरी ओर, विपक्ष ने इस प्रक्रिया को ‘चुनावी हेराफेरी’ करार देते हुए संसद में जोरदार प्रदर्शन किया, जिसके चलते लोकसभा की कार्यवाही कई बार स्थगित करनी पड़ी।

संसद भवन परिसर में मकर द्वार की सीढ़ियों पर विपक्षी सांसदों ने बिहार में मतदाता सूची संशोधन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इस प्रदर्शन में लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी, समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव समेत कई प्रमुख नेता शामिल रहे। विपक्षी सांसदों ने ‘एसआईआर: भारतीय अधिकारों की चोरी’ और ‘एसआईआर: भारतीय गणराज्य को नुकसान पहुंचाना’ जैसे नारे लिखे पेपर लहराए। उनका आरोप था कि एसआईआर प्रक्रिया संविधान के खिलाफ है और इसका मकसद चुनावों में हेराफेरी करना है। नारेबाजी के बीच ‘एसआईआर वापस लो!’ और ‘संविधान से खिलवाड़ बंद करो!’ जैसे नारे गूंजते रहे, जिसके चलते लोकसभा की कार्यवाही बार-बार बाधित हुई।

विपक्ष के आरोपों पर पलटवार करते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता और सांसद रविशंकर प्रसाद ने कहा, “भारत कोई धर्मशाला नहीं है कि कोई भी आकर वोट डाल दे। संविधान स्पष्ट कहता है कि केवल भारतीय नागरिक ही मतदान कर सकते हैं। फिर मतदाता सूची की जांच से विपक्ष को आपत्ति क्यों है?” उन्होंने बिहार के अररिया, किशनगंज और पूर्णिया जिलों का जिक्र करते हुए दावा किया कि इन क्षेत्रों में जनसंख्या से अधिक आधार कार्ड बनाए गए हैं। प्रसाद ने सवाल उठाया, “क्या यह जांचना जरूरी नहीं कि कोई व्यक्ति एक से ज्यादा बूथ पर वोटर तो नहीं बना है?”केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने भी विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा, “विपक्ष संवैधानिक संस्थाओं पर दबाव बनाकर उन्हें अपने इशारे पर चलाने की कोशिश कर रहा है। यह संविधान की खुली अवहेलना है।” उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्ष की मंशा बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों को भारत में वोटिंग का अधिकार दिलाने की है।


विपक्षी दलों का कहना है कि बिहार में चल रही एसआईआर प्रक्रिया निष्पक्ष चुनावों के लिए खतरा है। उनका दावा है कि इस प्रक्रिया के जरिए सत्तारूढ़ दल मतदाता सूची से वंचित वर्गों के नाम हटाने की कोशिश कर रहा है, जिससे विपक्षी दलों के वोट बैंक को नुकसान पहुंचेगा। राहुल गांधी ने प्रदर्शन के दौरान कहा, “यह प्रक्रिया संविधान और लोकतंत्र पर सीधा हमला है। हम इसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेंगे।”


बिहार में मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण एक नियमित प्रक्रिया है, जिसका उद्देश्य मतदाता सूची को अपडेट करना और फर्जी वोटरों को हटाना है। हालांकि, विपक्ष का आरोप है कि इस प्रक्रिया को चुनिंदा तरीके से लागू किया जा रहा है ताकि कुछ खास समुदायों को निशाना बनाया जाए। दूसरी ओर, भाजपा का कहना है कि यह प्रक्रिया पारदर्शी है और इसका मकसद केवल यह सुनिश्चित करना है कि मतदान का अधिकार सिर्फ भारतीय नागरिकों तक सीमित रहे।