KNEWS DESK- दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के इंजीनियरों पर 200 करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप लगा है। उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने इस मामले की जांच के लिए भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) को हरी झंडी दे दी है।
घोटाले की जानकारी
इस घोटाले में इलेक्ट्रिकल डिवीजन के दो सहायक अभियंता और तीन जूनियर इंजीनियर शामिल हैं। आरोप है कि इन इंजीनियरों ने फर्जी बिलों के माध्यम से मनपसंद ठेकेदारों को लाभ पहुंचाया और बिलों में हेराफेरी की। राजनिवास के अनुसार, जांच भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 के तहत की जाएगी, जिसमें इन इंजीनियरों के खिलाफ एफआईआर में उल्लेखित सुभाष चंद्र दास (एई), सुभाष चंद (एई), अभिनव (जेई), रघुराज सोलंकी (जेई) और राजेश अग्रवाल (जेई) शामिल हैं।
अस्पतालों पर प्रभाव
इस घोटाले का प्रभाव दिल्ली सरकार के कई प्रमुख अस्पतालों पर पड़ा है, जिनमें लोक नायक अस्पताल, मौलाना आजाद डेंटल विज्ञान संस्थान, जीबी पंत अस्पताल, और मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज शामिल हैं।
प्रारंभिक जांच के निष्कर्ष
प्रारंभिक जांच से पता चला है कि इन पीडब्ल्यूडी अधिकारियों ने फर्जी बिलों के भुगतान के लिए ठेकेदारों को भुगतान स्वीकृत किया, जिससे सरकारी खजाने को भारी नुकसान हुआ। आरोपियों ने अपने पसंदीदा ठेकेदारों को लाभ पहुंचाने के लिए स्पॉट कोटेशन में फर्जी हस्ताक्षर और हेरफेर भी किया।
आगे की कार्रवाई
अब, एसीबी इस मामले की गहराई से जांच करेगी और दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई का आश्वासन दिया गया है। यह मामला भ्रष्टाचार के खिलाफ दिल्ली सरकार की सख्त नीतियों को उजागर करता है और यह दिखाता है कि सरकारी खजाने की रक्षा के लिए ठोस कदम उठाए जा रहे हैं।
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