रास्ते तो हिंदू त्योहारों पर भी ब्लॉक होते हैं तो आपत्ति सिर्फ नमाज से ही क्यों? -अबू आजमी

डिजिटल डेस्क- समाजवादी पार्टी के विधायक अबू आजमी अक्सर अपने विवादित बयानों से जाने जाते हैं और अक्सर विवादित बयानों के चलते सुर्खियां बटोरते हैं। पूर्व में जहां विधायक अबू आजमी के बयानों की काफी चर्चा हुई थी और भाजपा समेत अनेक पार्टियों ने अबू आजमी को उनके बयानों के चलते घेरा था, वहीं अबू आजमी ने फिर से एक विवादित बयान देकर सबका ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर लिया है। विवादित बयान देने के साथ ही सपा विधायक अबू आजमी ने चुनाव आयोग को भाजपा की कठपुतली बताते हुए शाहरूख शेख के एनकांउटर पर भी सवाल उठाए।

रास्ते तो हिंदू त्योहार पर भी ब्लॉक होते हैं……..

रविवार को एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए समाजवादी पार्टी के विधायक अबू आजमी ने कहा कि हिंदुओं के त्योहार जब मनाए जाते हैं तो मुसलमान कभी विरोध नहीं करते, लेकिन जब मुसलमान नमाज अदा करते हैं, तब शिकायतें की जाती हैं। मस्जिद के बाहर नमाज नहीं पढ़ी जा सकती, आज मैं आ रहा था, हम हमेशा हिंदू भाइयों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलते हैं। आज तक किसी भी मुसलमान ने यह शिकायत नहीं की कि हिंदू त्योहारों की वजह से रास्ता बंद होता है, लेकिन जब मस्जिद में नमाज पढ़ी जाती है तो यूपी के मुख्यमंत्री कहते हैं कि अगर बाहर नमाज पढ़ी गई तो पासपोर्ट और ड्राइविंग लाइसेंस रद्द कर दिए जाएंगे।

जल्दी निकलें वरना रास्ता जाम हो जाएगा

अबू आजमी ने प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए आगे कहा कि आज जब मैं सोलापुर आ रहा था तब मुझे बताया गया कि पालखी आने वाली है। कहा गया कि जल्दी निकलें वरना रास्ता जाम हो जाएगा। वारी की वजह से ट्रैफिक जाम होता है लेकिन हमने कभी इसका विरोध नहीं किया। मुसलमानों के लिए जानबूझकर जमीन नहीं दी जाती है।

चुनाव आयोग कठपुतली बनकर रह गया है

समाजवादी पार्टी के विधायक अबू आजमी ने चुनाव आयोग को कठघरे में खड़ा करते हुए कहा कि ये सरकार चुनाव जीतने के लिए हर हद पार कर रही है। पिछले चुनावों में बड़े-बड़े नेता हार गए, उसकी जांच होनी चाहिए। चुनाव आयोग इनके हाथ की कठपुतली बन गया है। पूर्व में हुए शाहरूख शेख एनकांउटर पर बोलते हुए कहा कि उसकी मां मेरे पास आई थीं, उन्होंने बताया कि पुलिस वालों ने सिर पर रिवॉल्वर रखी और फिर गोली मार दी। कसाब को भी जिंदा पकड़ा गया था उसे सारी सुविधाएं दी गईं फिर फांसी हुई तो शाहरुख शेख को शॉर्टकट में गोली क्यों मारी गई?