KNEWS DESK- पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण निर्णय सुनाते हुए पंजाब राज्य की सहकारी समितियों के कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति की आयु को 58 वर्ष से बढ़ाकर 60 वर्ष करने के आदेश को पुनः बहाल किया है। यह निर्णय पंजाब सरकार द्वारा लागू किए गए एक विवादास्पद आदेश के खिलाफ लिया गया था, जिसमें सेवानिवृत्ति की आयु को 60 से घटाकर 58 वर्ष कर दिया गया था।
पंजाब सरकार के इस निर्णय पर कर्मचारियों ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि सरकार ने सेवानिवृत्ति आयु को घटाने के निर्णय में आवश्यक विधायी अनुमोदन प्राप्त किए बिना ही यह कदम उठाया। उन्होंने कहा कि इस निर्णय से उनके कानूनी अधिकारों का उल्लंघन हुआ है।
हाईकोर्ट की खंडपीठ ने अपने फैसले में कहा कि इस तरह के नियमों में बदलाव के लिए विधायी अनुमोदन अनिवार्य है। विशेष रूप से, सेवा नियमों में किए गए किसी भी संशोधन को राज्य विधानमंडल के समक्ष प्रस्तुत किया जाना चाहिए और उसे मंजूरी प्राप्त करनी चाहिए। इस मामले में, पंजाब सरकार ने इस प्रक्रिया का पालन नहीं किया, जिससे यह निर्णय अवैध हो गया।
कोर्ट ने कहा कि नियम 19 (ए) में संशोधन पंजाब सहकारी समिति अधिनियम के तहत आवश्यक प्रक्रियात्मक आवश्यकताओं का पालन किए बिना किया गया था। इसके परिणामस्वरूप, सेवानिवृत्ति की आयु को 60 वर्ष के पहले के नियमों के अनुसार बहाल किया जाएगा।
इस फैसले के बाद, सहकारी समितियों के कर्मचारियों को अब 60 वर्ष की सेवानिवृत्ति आयु का लाभ मिलेगा, जैसा कि पहले था। यह निर्णय कर्मचारियों के कानूनी अधिकारों की रक्षा करने के लिए महत्वपूर्ण है और इससे भविष्य में ऐसे मामलों में प्रक्रियात्मक आवश्यकताओं के पालन की दिशा स्पष्ट होगी।
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