KNEWS DESK- दिल्ली के लाल किला के सामने हुए बम धमाके की जांच एक निर्णायक मोड़ पर पहुँच रही है। जांच एजेंसियों को संदिग्धों के कॉल डिटेल रिकॉर्ड (CDR) और मोबाइल डेटा से ऐसा नेटवर्क मिला है, जिसने जांच को और गहरा कर दिया है। विशेष रूप से नूंह, फरीदाबाद और अल फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़े कई डॉक्टर अब ATS और केंद्रीय एजेंसियों की निगरानी में आ गए हैं।
सूत्रों के मुताबिक, धमाके के बाद से 12 से अधिक डॉक्टरों के मोबाइल फोन बंद हैं, जिनमें से अधिकांश अल फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़े हैं। जांच एजेंसियां इन मोबाइल नंबरों को ट्रैक कर लोकेशन और संपर्कों का पता लगाने में जुटी हैं।
गिरफ्तार संदिग्ध डॉक्टरों के साथ डॉक्टर मुजम्मिल के मोबाइल फोन की CDR से बड़ा नेटवर्क सामने आया है। कई डॉक्टर लगातार संदिग्ध नंबरों से संपर्क में पाए गए। ज्यादातर डॉक्टर अल फलाह यूनिवर्सिटी में पढ़े या नौकरी कर चुके हैं। जैश-ए-मोहम्मद से संपर्कों की आशंका। डॉ. शाहीन के फोन से मिले डेटा और चैट्स ने एजेंसियों को कई अहम सुराग दिए हैं, जिससे जांच और तेज हो गई है।
फरीदाबाद पुलिस की CIA टीम ने अल फलाह यूनिवर्सिटी के मालिक जावेद अहमद सिद्दीकी और यूनिवर्सिटी के चैरिटेबल ट्रस्ट कार्यालय में कागज़ और दस्तावेजों की जांच की है। प्रशासन अब यूनिवर्सिटी की जमीन और उससे जुड़े वित्तीय स्रोतों की भी गहन जांच कर रहा है।
नूंह क्षेत्र से हिरासत में लिए गए तीन डॉक्टरों को गहन पूछताछ के बाद देर रात गिरफ्तार कर लिया गया। तीनों डॉक्टर डॉ. मोहम्मद (फिरोजपुर झिरका), डॉ. रिहान (नूंह शहर), डॉ. मुस्तकीम (सुनहेड़ा गांव, पुन्हाना) इन पर जैश से जुड़े मॉड्यूल से संपर्क रखने का शक है।