डिजिटल डेस्क- दिल्ली के लाल किले के पास हुए कार धमाके की जांच अब उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ तक पहुंच गई है। जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है, सुरक्षा एजेंसियों को बड़े नेटवर्क के संकेत मिल रहे हैं। रविवार शाम यूपी एटीएस ने पारा इलाके की कुंदन विहार कॉलोनी से एक भाई-बहन को हिरासत में लिया। दोनों की गतिविधियों पर तीन दिन से गोपनीय निगरानी की जा रही थी और संदिग्ध व्यवहार मिलने के बाद तुरंत कार्रवाई की गई। इसी दौरान एटीएस ने लखनऊ के पारा सहित छह स्थानों पर छापेमारी की और करीब 13 लोगों से पूछताछ की। यह सभी कभी न कभी डॉ. परवेज और उसकी बहन डॉ. शाहीन के संपर्क में रहे थे, जो जांच एजेंसियों के रडार पर हैं। सूत्र यह भी बताते हैं कि यह लिंक सिर्फ व्यक्तिगत संपर्क तक सीमित नहीं है, बल्कि इलेक्ट्रॉनिक डेटा और सोशल नेटवर्किंग के जरिए भी कई कनेक्शन सामने आए हैं।
मड़ियांव, कैसरबाग और गुडंबा में पहले ही हो चुकी छापेमारी
एटीएस पहले ही मड़ियांव, कैसरबाग और गुडंबा इलाके में भी छापेमारी कर चुकी है। पारा में एक मस्जिद के आसपास भी पूछताछ की गई, क्योंकि दोनों संदिग्ध पहले यहां आते-जाते देखे गए थे। एजेंसियां यह भी जांच रही हैं कि कहीं पिछले कुछ वर्षों में जेल से छूटे आतंक मामलों से जुड़े लोग फिर से सक्रिय तो नहीं हो गए। उनकी पुरानी कॉल डिटेल्स से लेकर हालिया ऑनलाइन गतिविधियों तक की जांच की जा रही है।
18 लोगों की सूची तैयार
जांच एजेंसियों को मिली नई जानकारियों के बाद लखनऊ पुलिस भी हाई अलर्ट पर है। सूत्रों के अनुसार शहर के 18 ऐसे लोगों की सूची तैयार की गई है जिनका नाम कभी न कभी कट्टरपंथ या आतंकी गतिविधियों से जोड़ा गया था। इन पर 24 घंटे निगरानी रखी जा रही है। पुलिस कमिश्नरेट ने एक विशेष टास्क ग्रुप बनाया है, जिसमें पश्चिमी लखनऊ के थाना क्षेत्र ठाकुरगंज और सहादतगंज के अधिकारियों को जांच की प्रमुख जिम्मेदारी दी गई है।