पुरानी संसद के आखरी दिन बना रिकार्ड, जानिए क्या?,पीएम मोदी की आज भाषण में रहीं ये 5 बड़ी बातें

KNEWS DESK… पीएम मोदी ने आज यानी 18 सितम्बर को पुरानी संसद से अपना आखरी भाषण दिया है. इस दौरान एक दिलचस्प नजारा देखने को मिला. पीएम मोदी ने देश के 75 वर्ष के इतिहास का जिक्र करते हुए देश के पहले पीएम जवाहरलाल नेहरू का भी जिक्र किया. अक्सर जवाहरलाल नेहरू की आलोचना करने वाली सत्तारूढ़ पार्टी आज देश के पहले प्रधानमंत्री को याद करते हुए मेज थपथपाती नजर आई. लेकिन आपको बता दें कि इस पुरानी संसद में पीएम मोदी के आखिरी भाषण से एक नया इतिहास बन गया है. यानी पीएम मोदी ऐसे प्रधानमंत्री होंगे जो आजादी के दौर के संसद में आखिरी भाषण देने वाले पीएम के तौर पर जाने जाएंगे.

दरअसल, पीएम मोदी ने पुरानी संसद के आखिरी के दिन कहा कि ये वो सदन है. जहां देश के पहले प्रधानमंत्री नेहरू जी की कई चीजों के लिए याद किया जाएगा. लेकिन हम जरूर याद रखेंगे कि इस सदन में आधी रात को पंडित नेहरू की गूंज हम सभी को प्रेरणा देती रहेगी. जब पीएम मोदी यह भाषण दे रहे थे तो सदन में कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी भी मौजूद थे. वे देख रहे थे और भाजपा-NDA के लोकसभा सांसद पीएम मोदी की बातों पर मेज थपथपा रहे थे. पीएम मोदी ने कहा कि जब मैं सदस्य के रूप में पहली बार इस संसद में दाखिल हुआ तो मैंने कभी नहीं सोचा था कि मुझे लोगों से इतना प्यार मिलेगा.

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जानकारी के लिए बता दें कि जवाहरलाल नेहरू, लाल बहादुर शास्त्री, अटल बिहारी वाजपेयी से मनमोहन सिंह तक एक बहुत बड़ा वर्ग है. जिसने इस सदन का नेतृत्व किया है. सदन के माध्यम से देश को दिशा दी. उन्होंने देश को नया स्वरूप देने के लिए कड़ी मेहनत और प्रयास किए हैं. आज उन सभी को गौरवान्वित करने का अवसर है. सरदार वल्लभ भाई पटेल, आडवानी, लोहिया,चंद्रशेखर ऐसे अनगिनत नाम हैं जिन्होंने इस सदन को समृद्ध बनाने में, चर्चाओं को समृद्ध बनाने में देश के सामान्य मानवी को ताकत देने का काम किया है.

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पीएम मोदी भाषण में 5 बड़ी बातें

  1. महिला सांसदों की संख्या पहले भले ही कम रही हो, लेकिन धीरे-धीरे उनका प्रतिनिधित्व और योगदान बढ़ रहा है।
  2. पुराने संसद भवन को अलविदा कहना एक भावनात्मक क्षण है; इससे कई खट्टी-मीठी यादें जुड़ी हुई हैं.
  3. भारत की ताकत ने G-20 घोषणापत्र पर सर्वसम्मति सुनिश्चित की.
  4. जी20 शिखर सम्मेलन की सफलता किसी एक व्यक्ति या किसी एक पार्टी की नहीं, बल्कि पूरे देश की सफलता है.
  5. ये पुराना संसद भवन हमारे देशवासियों के पसीने, मेहनत और पैसे से बना है.

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