KNEWS DESK – विजयादशमी के पावन अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने अपने 99वें स्थापना वर्ष का उत्सव मनाया। नागपुर में आयोजित इस विशेष समारोह में संघ प्रमुख मोहन भागवत ने शस्त्र पूजन के बाद संबोधन दिया, जिसमें उन्होंने विज्ञान, हिंदुओं पर हो रहे हमलों, सनातन मूल्यों और वैश्विक संघर्षों पर अपने विचार साझा किए।
मोहन भागवत का संबोधन
आपको बता दें कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने शनिवार को विजयादशमी के अवसर पर अपने 99वें स्थापना वर्ष का समारोह मनाया। इस खास अवसर पर संघ प्रमुख मोहन भागवत ने शस्त्र पूजन के बाद अपने संबोधन में विज्ञान, हिंदुओं पर होने वाले हमलों, सनातन मूल्यों, और वैश्विक मुद्दों पर विचार साझा किए।
भागवत ने कहा कि आज का दिन विशेष महत्व रखता है, क्योंकि संघ 100वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है। उन्होंने महारानी दुर्गावती, महारानी होल्कर और महर्षि दयानंद सरस्वती की योगदानों को याद किया, जिनका 200वां जन्म जयंती वर्ष चल रहा है। भागवत ने कहा, “ये सभी व्यक्ति देश, समाज और संस्कृति के हित में काम कर चुके हैं।”
देश की प्रगति और चुनौतियाँ
भागवत ने कहा, “भारत लगातार आगे बढ़ रहा है, लेकिन इस प्रगति की राह में अड़ंगा डालने वाले भी बहुत से लोग हैं।” उन्होंने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों का जिक्र करते हुए कहा कि कट्टरता के कारण वहां न केवल हिंदुओं, बल्कि अन्य अल्पसंख्यकों पर भी हमले का खतरा बना हुआ है। भागवत ने हिंदू समाज को जागरूक करते हुए कहा, “दुर्बल रहना अपराध है, हमें इसे समझना चाहिए।”
इजरायल-हमास संघर्ष पर चिंतन
मोहन भागवत ने इजरायल और हमास के बीच चल रहे संघर्ष का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि इस तरह के संघर्षों के परिणामों को समझना आवश्यक है। उन्होंने भारत की प्रगति, विशेषकर तकनीक और शिक्षा के क्षेत्र में, की सराहना की और कहा कि यह समाज की समझदारी को भी बढ़ा रहा है।
जम्मू-कश्मीर के चुनावों की सराहना
संघ प्रमुख ने जम्मू-कश्मीर में हाल ही में हुए चुनावों का जिक्र करते हुए कहा कि यह चुनाव शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुए हैं, जिससे भारत की अंतरराष्ट्रीय साख बढ़ी है। भागवत ने यह भी कहा कि योग अब दुनिया में एक फैशन बन चुका है और इसके शास्त्र और परिणामों को भी वैश्विक स्तर पर स्वीकार किया जा रहा है।
भारी संख्या में पुलिस बल तैनात
राजस्थान के विभिन्न स्थानों पर भी विजयादशमी के अवसर पर कार्यक्रम आयोजित किए गए। अजमेर में पथ संचलन निकाला गया, जिसमें भारी संख्या में पुलिस बल तैनात था। बीकानेर में भी आरएसएस ने शस्त्र पूजन कर मातृभूमि को नमन किया। विजयादशमी के दिन ही आरएसएस की स्थापना हुई थी, और तब से हर वर्ष संघ के स्वयंसेवक इस दिन पथ संचलन निकालते आ रहे हैं।