डिजिटल डेस्क- राजस्थान के जोधपुर जिले के फलौदी में 2 नवंबर को हुए भीषण सड़क हादसे पर सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया है। इस दुर्घटना में करीब 15 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई थी, जबकि दो लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे। अब यह मामला जनहित याचिका (PIL) के रूप में सुप्रीम कोर्ट में दर्ज किया गया है। इस पर 10 नवंबर को जस्टिस जे.के. माहेश्वरी और जस्टिस विजय बिश्नोई की पीठ के समक्ष सुनवाई होगी। सुप्रीम कोर्ट की यह पहल सड़क सुरक्षा, ट्रैफिक प्रबंधन और प्रशासनिक जवाबदेही को लेकर एक अहम कदम मानी जा रही है।
2 नवंबर को हुआ था भीषण हादसा
जानकारी के अनुसार यह हादसा 2 नवंबर की शाम को फलौदी के भरतमाला हाईवे पर हुआ। बताया जा रहा है कि एक टेंपो ट्रैवलर जोधपुर से महिलाओं और बच्चों को लेकर बीकानेर के तीर्थयात्रा पर गया था। लौटते समय टेंपो ने रास्ते में एक वाहन को ओवरटेक करने की कोशिश की, इसी दौरान वह एक ढाबे के सामने खड़े ट्रक से जा टकराया। ट्रक में निर्माण सामग्री लदी हुई थी, जिससे टक्कर बेहद जोरदार रही। हादसे के बाद टेंपो के परखच्चे उड़ गए और मौके पर ही चीख-पुकार मच गई। स्थानीय लोगों ने तुरंत राहत कार्य शुरू किया और पुलिस को सूचना दी। हादसे में 15 लोगों की मौके पर मौत हो गई, जबकि दो लोग गंभीर रूप से घायल हुए, जिन्हें जोधपुर के अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस ने बताया कि ट्रक चालक और ढाबा मालिक से पूछताछ जारी है कि वाहन सड़क किनारे इस तरह क्यों खड़ा किया गया था।
सुप्रीम कोर्ट की पहल का व्यापक असर
सुप्रीम कोर्ट ने इस हादसे को स्वत: संज्ञान में लेते हुए सड़क सुरक्षा और प्रशासनिक लापरवाही के मुद्दे पर जवाबदेही तय करने का संकेत दिया है। अदालत ने इससे पहले भी सड़क हादसों, पर्यावरण संरक्षण और नागरिक सुरक्षा से जुड़े कई मामलों में स्वत: कार्रवाई की है।