राजस्थान: मुख्यमंत्री अनुप्रति कोचिंग योजना को और बेहतर तरीके से लागू करने के प्रयास – सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री

KNEWS DESK – सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री अविनाश गहलोत ने सोमवार को विधानसभा में कहा कि मुख्यमंत्री अनुप्रति कोचिंग योजना के तहत अधिकतम विद्यार्थियों को लाभान्वित करने की दृष्टि से राज्य सरकार योजना को और बेहतर तरीके से लागू करने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार ऐसी किसी भी योजना को बंद करने की मंशा नहीं रखती है जो राजस्थान के विद्यार्थियों के हित में हो।

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग, राजस्थान सरकार (@sjedrajasthan) / X

प्रतिवर्ष विद्यार्थियों की संख्या बढ़ाकर 15 हजार और फिर 30 हजार किया गया

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री प्रश्नकाल के दौरान सदस्य द्वारा इस संबंध में पूछे गए पूरक प्रश्नों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि वर्ष 2021-22 में मुख्यमंत्री अनुप्रति कोचिंग योजना प्रारम्भ की गई जिसके तहत पहली बार 10 हजार विद्यार्थियों को लाभान्वित करने का प्रावधान किया गया। इसके बाद प्रतिवर्ष विद्यार्थियों की संख्या बढ़ाकर 15 हजार और फिर 30 हजार किया गया। उन्होंने बताया कि गत वर्ष तक लगभग 20 से 22 हजार विद्यार्थी योजना का लाभ प्राप्त कर रहे थे। उन्होंने कहा कि योजना के बेहतर क्रियान्वयन के लिए इसमें संशोधन किया जा रहा है।

इससे पहले विधायक आदू राम मेघवाल के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता ने बताया कि पूर्ववर्ती सरकार द्वारा विभिन्न प्रोफेशनल कोर्स में प्रवेश एवं सरकारी नौकरियों के लिए आयोजित होने वाली प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी निःशुल्क करवाये जाने हेतु मुख्यमंत्री अनुप्रति कोचिंग योजना वर्ष 2021-22 से प्रारम्भ की गई थी।

 

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