KNEWS DESK – भजनलाल सरकार के मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने हाल ही में अपने इस्तीफे का कारण स्पष्ट किया है। उन्होंने कहा, “मैं 45 साल से जिस इलाके में हर जाति के दुःख-दर्द में लड़ रहा हूं, चाहे तूफान आए या बरसात, पहाड़ पर चढ़ना पड़े, लाठी खाना पड़े या जेल जाना पड़े, मैंने सभी के लिए काम किया है। लेकिन जब चुनावी समय आया, तो वो वोटर गायब हो गए, जिससे मेरा मन टूट गया।”
लोकसभा चुनाव के बाद दिया इस्तीफा
भजनलाल सरकार के कैबिनेट मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने एक बार फिर से अपने इस्तीफे का मुद्दा उठाया है। सोमवार को भाजपा प्रदेश मुख्यालय में मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री से बार-बार अपने इस्तीफे को स्वीकार करने का आग्रह किया है। डॉ. मीणा ने कहा कि चुनाव में जो हार हुई उसके बाद नैतिकता के आधार पर उन्होंने अपना इस्तीफा दिया है, और उनका इस्तीफा मुख्यमंत्री के पास रखा हुआ है।
डॉ. मीणा ने लोकसभा चुनाव के बाद मंत्री पद से इस्तीफा देने की प्रतिज्ञा की थी। उन्होंने कहा था कि अगर वह दौसा लोकसभा सीट समेत जिम्मेदार 7 सीटों में से किसी पर भी हारते हैं, तो वह मंत्री पद छोड़ देंगे। चुनाव के परिणामों में उन्हें 5 सीटों पर शिकस्त का सामना करना पड़ा, जिसके बाद उन्होंने 4 जुलाई को राजस्थान सरकार में अपने इस्तीफे की जानकारी सार्वजनिक की थी।
कैबिनेट बैठक में वापसी
मंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद, डॉ. मीणा ने कैबिनेट बैठक में शामिल होना बंद कर दिया था। वे अक्सर कहते थे कि वह विधायक के रूप में जनता के बीच आ रहे हैं, न कि मंत्री के रूप में। हालांकि, हाल ही में 29 सितंबर को वे भजनलाल सरकार की कैबिनेट बैठक में शामिल हुए, जिससे उनके इस्तीफे की चर्चाओं पर विराम लग गया।कैबिनेट बैठक में शामिल होने के लिए डॉ. मीणा निजी गाड़ी में आए, लेकिन बैठक के बाद वह मंत्री वाली गाड़ी से गए। उन्होंने पहले सरकारी गाड़ी लौटा दी थी और दफ्तर जाना भी बंद कर दिया था।
इस्तीफा न तो मंजूर हुआ और न ही अस्वीकारा गया
उनका इस्तीफा न तो मंजूर हुआ और न ही अस्वीकारा गया, जिससे स्थिति में सस्पेंस बना हुआ था। हाल ही में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने कहा था कि किरोड़ी लाल मीणा पार्टी के साथ हैं और सरकार का काम कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि विभाग खाली नहीं है और मीणा रोज काम कर रहे हैं।