KNEWSDESK- राजस्थान विधानसभा चुनाव की तारीख नजदीक आ रही है। ऐसे में राजनीतिक दल जनता के लिए कई ऐलान कर रहे हैं। इसी कड़ी में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक बड़ी घोषणा की है। उन्होंने राजस्थान के सरकारी कर्मचारियों का महंगाई भत्ता चार प्रतिशत बढ़ा दिया है। इसका मतलब की राज्य कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 42 प्रतिशत से बढ़कर 46 प्रतिशत हो गया है। आपको बता दें कि ये जानकारी वित्त मंत्री से वेबसाइट में उपलब्ध हुई है। सीएम ने भी इसको लेकर ट्विट किया था लेकिन उसको बाद में डिलीट कर दिया था। इसकी वजह आचार संहिता बताई जा रही है।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट कर लिखा था कि त्योहार पर उपहार। इसके आगे उन्होंने महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी के फैसले को निर्वाचन आयोग से मंजूरी मिलने की जानकारी दी थी। आपको बता दें कि भत्ते में बढ़ोतरी से 8 लाख से ज्यादा कर्मचारियों, 4 लाख से ज्यादा पेंशनर्स को लाभ मिलेगा। राजस्थान में महंगाई भत्ता 42 फीसदी से बढ़कर 46 फीसदी किया गया है। उन्होंने ये जानकारी ट्वीट के जरिए साझा की थी लेकिन कुछ देर बाद इस ट्वीट को डिलीट कर दिया गया। गौरतलब है कि राजस्थान में चुनावी तारीखों की घोषणा हो गई है। ऐसे में राज्य में आचार संहिता लागू है। इसी को देखते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट डिलीट कर दिया।
25 नवंबर को चुनाव
जानकारी के लिए बता दें कि, प्रदेश में 25 नवंबर को चुनाव होने वाले हैं। इस समय नेताओं के नामंकन दाखिल करने का सिलसिला चल रहा है। जब से चुनाव की तारीख का ऐलान हुआ है तब से राज्य में आचार संहिता लागू कर हो गई है। इसी वजह से आचार संहिता का उल्लंघन न हो, इसलिए सीएम गहलोत ने ट्विटर, अकांउट से ट्विट डिलीट कर दिया। कुछ दिन पहले बीजेपी ने गहलोत पर आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप लगाया था। बीजेपी का आरोप था कि अशोक गहलोत जनता को लुभाने वाले वादे कर रहे हैं और लोगों से अपनी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए उनके मोबाइल में मैसेज कर पंजीकरण करवाने के लिए कहा।
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