KNEWS DESK – महाराष्ट्र के सांगली में आयोजित एक विशाल जनसभा में कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने 05 अगस्त को केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा। इस दौरान उन्होंने शिवाजी महाराज की टूटी हुई मूर्ति के मुद्दे को उठाते हुए प्रधानमंत्री मोदी पर हमला बोला और महाराष्ट्र के लोगों से माफी की मांग की।
शिवाजी महाराज की मूर्ति का अपमान, मोदी जी को मांगनी चाहिए माफी
राहुल गांधी ने सभा को संबोधित करते हुए कहा, “कुछ दिन पहले छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति टूट गई और इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने माफी मांगी। लेकिन माफी सिर्फ शिवाजी महाराज से नहीं, बल्कि महाराष्ट्र के हर नागरिक से मांगनी चाहिए।” राहुल ने इस घटना के पीछे की संभावित गलतियों की ओर इशारा करते हुए कहा कि हो सकता है मूर्ति बनाने का ठेका किसी आरएसएस से जुड़े व्यक्ति को दिया गया हो, भ्रष्टाचार हुआ हो, या मूर्ति के निर्माण में कोई लापरवाही बरती गई हो।
विचारधारा की लड़ाई: कांग्रेस बनाम भाजपा
राहुल गांधी ने इस अवसर पर जोर देते हुए कहा कि देश में केवल राजनीति नहीं, बल्कि विचारधाराओं का युद्ध चल रहा है। उन्होंने कहा, “हमारी और भाजपा की विचारधारा में अंतर है। कांग्रेस पार्टी सामाजिक विकास और सबको साथ लेकर चलने में विश्वास रखती है, जबकि भाजपा केवल कुछ चुने हुए लोगों को ही लाभ पहुंचाना चाहती है।”
राहुल गांधी ने महाराष्ट्र के इतिहास और उसकी महान विभूतियों जैसे छत्रपति शिवाजी महाराज, महात्मा फुले और शाहू जी महाराज का ज़िक्र करते हुए कहा कि इन सभी महापुरुषों की विचारधारा कांग्रेस की विचारधारा से मेल खाती है।
पतंगराव कदम की मूर्ति पर विश्वास
राहुल गांधी ने दिवंगत कांग्रेस नेता पतंगराव कदम की मूर्ति का ज़िक्र करते हुए कहा कि “मैं आपको गारंटी देता हूँ कि 50-70 साल बाद भी कदम जी की मूर्ति यहीं खड़ी रहेगी।” यह कथन शिवाजी महाराज की टूटी मूर्ति के संदर्भ में था, जिसमें उन्होंने इशारों में भाजपा सरकार की आलोचना की।
बीजेपी फैला रही है नफरत
अपने भाषण के दौरान राहुल गांधी ने भाजपा पर आरोप लगाया कि वह देश में नफरत और विभाजन की राजनीति कर रही है। उन्होंने कहा कि “बीजेपी नफरत की राजनीति सदियों से कर रही है और आज भी देश के हर कोने में यही नफरत फैला रही है।” राहुल ने जोर देते हुए कहा कि कांग्रेस की लड़ाई नफरत के खिलाफ है और वह शिवाजी महाराज, फुले, और आंबेडकर की विचारधारा को आगे बढ़ाते हुए देश को एकजुट रखने की कोशिश कर रही है।