KNEWS DESK – दिल्ली के रामलीला मैदान में रविवार को कांग्रेस ने ‘वोट चोर, गद्दी छोड़’ नाम से एक विशाल रैली का आयोजन किया. इस रैली में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा, सांसद मनीष तिवारी समेत पार्टी के कई वरिष्ठ नेता शामिल हुए. मंच से राहुल गांधी ने केंद्र सरकार, RSS और चुनाव आयोग पर तीखे हमले किए और कहा कि आज देश में असली लड़ाई सत्य और असत्य के बीच चल रही है.
रैली को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने RSS प्रमुख मोहन भागवत के एक हालिया बयान का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि उनका भाषण पहले से तैयार था, लेकिन रास्ते में उन्हें जानकारी मिली कि अंडमान-निकोबार में मोहन भागवत ने एक बयान दिया है. राहुल ने कहा, “उस बयान को सुनने के बाद मैंने अपना पूरा भाषण बदल दिया.” उन्होंने जोर देते हुए कहा कि भारत की संस्कृति और सभी धर्मों की नींव सत्य पर टिकी है. ‘सत्यम शिवम सुंदरम’ का हवाला देते हुए राहुल ने कहा कि सत्य सबसे बड़ा मूल्य है, लेकिन RSS की सोच इससे बिल्कुल उलट है.

राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि मोहन भागवत और RSS की विचारधारा में सत्य की कोई अहमियत नहीं है और वहां केवल ताकत और सत्ता को ही सर्वोपरि माना जाता है. उन्होंने कहा कि यही वजह है कि आज देश में सत्ता बनाम सत्य की लड़ाई चल रही है.
वोट चोरी के मुद्दे को लेकर राहुल गांधी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर भी जोरदार हमला बोला. उन्होंने कहा, “मेरे सवालों का सरकार के पास कोई जवाब नहीं था. मैंने प्रेजेंटेशन में जो सवाल उठाए थे, उनका जवाब नहीं दिया गया. इसलिए संसद में अमित शाह कांप रहे थे.” राहुल ने दावा किया कि सरकार सच्चाई से भाग रही है.
राहुल गांधी ने कहा कि आज की लड़ाई सत्ता और सत्य के बीच की है. उन्होंने कहा, “उनके पास सत्ता और ताकत है, लेकिन हमारे पास सत्य है. मैं गारंटी के साथ कहता हूं कि सत्य के साथ खड़े होकर हम नरेंद्र मोदी, अमित शाह और RSS-BJP की सरकार को सत्ता से हटाएंगे.”
अपने भाषण में राहुल गांधी ने चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर भी गंभीर सवाल खड़े किए. उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग अब एक स्वतंत्र संस्था की तरह काम नहीं कर रहा, बल्कि सरकार के साथ मिलकर फैसले ले रहा है. उन्होंने कहा कि कुछ चुनाव आयुक्तों की भूमिका पर भी सवाल उठते हैं और यह सब सत्य को दबाने की कोशिश का हिस्सा है.
इसके साथ ही राहुल गांधी ने चुनाव आयुक्तों को इम्यूनिटी देने वाले नए कानून पर कड़ी आपत्ति जताई. उन्होंने कहा, “नया कानून कहता है कि चुनाव आयुक्त कुछ भी करें, उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो सकती. यह लोकतंत्र के लिए बेहद खतरनाक है.” राहुल ने साफ कहा कि अगर कांग्रेस सत्ता में आती है तो इस कानून को बदला जाएगा और चुनाव आयोग के अधिकारियों को जवाबदेह बनाया जाएगा.
चुनाव आयुक्तों को सीधा संदेश देते हुए राहुल गांधी ने कहा, “आप भारत के चुनाव आयुक्त हैं, नरेंद्र मोदी के नहीं.” अपने संबोधन के अंत में उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी सत्य और लोकतंत्र की लड़ाई लड़ रही है और देश की संस्थाओं की निष्पक्षता को बचाना बेहद जरूरी है. राहुल ने दावा किया कि देश के अलग-अलग हिस्सों से लोग इस लड़ाई से जुड़ रहे हैं और यही लोकतंत्र की असली ताकत है.