KNEWS DESK- आम आदमी पार्टी के नेता राघव चड्ढा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपनी बात कही है। राघव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा है कि भाजपा झूठ को सच बनाने की कोशिश कर रही है। मेरे ऊपर झूठा आरोप लगाकर फंसाया जा रहा है। भाजपा मेरे खिलाफ दुष्प्रचार कर रही है। नियम के मुताबिक किसी भी सेलेक्ट कमेटी के लिए कोई भी सांसद किसी का भी नाम प्रस्तावित कर सकता है। इसके लिए न तो किसी का हस्ताक्षर चाहिए और न ही किसी की सहमति की जरूरत है।
मैंने अपनी बर्थडे पार्टी में 10 लोगों को बुलाया था, 2 ने न्योता स्वीकार नहीं किया… जानिए क्या था Select Committee का पूरा मामला सरल शब्दों में pic.twitter.com/TeRjhPvFpa
— Raghav Chadha (@raghav_chadha) August 10, 2023
आपको बता दें कि राज्यसभा सांसद राघव ने भारतीय जनता पार्टी पर तंज कसा है। राघव ने तंज कसते हुए कहा है कि मैं भाजपा को चुनौती देता हूं कि वो उस दस्तावेजों को लेकर आएं जिस पर मैंने फर्जी हस्ताक्षर किए हैं। राज्यसभा में बीते सोमवार को लगभग 8 घंटे बहस हुई है। बहस होने के बाद वोटिंग के साथ दिल्ली सेवा बिल प्रस्ताव पर मुहर लग गई है। बिल के पारित होने के बाद एक बड़ा बवाल हो गया था। जब आम आदमी पार्टी के सांसद राघव चड्ढा ने इस विधायक को सेलेक्ट कमेटी के पास प्रस्ताव के लिए भेजा। जिसमें BJP समेत कई सांसदों के नाम को शामिल किया गया है। इसे लेकर सियासत में घमासान मचा हुआ है। BJP दिल्ली सेवा बिल प्रस्ताव पर राघव चड्ढा पर फर्जी हस्ताक्षर का आरोप लगाया गया है। वहीं दूसरी ओर AAP पूरे मामले को लेकर BJP पर झूठा आरोप लगाने का आरोप लगा रही है।
क्यों फैलाया बीजेपी ने मेरे ख़िलाफ़ ऐसा झूठ ? ये है वजह 👇 pic.twitter.com/jgTSg9y1iF
— Raghav Chadha (@raghav_chadha) August 10, 2023
कोई नोटिस आएगा तब हम देंगे उसका जवाब- राघव
जानकारी के लिए बता दें कि आम आदमी पार्टी के सांसद राघव चड्ढा ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि इस मामले पर BJP झूठा आरोप लगा रही है।
मैं बीजेपी वालों को चुनौती देता हूँ, वो काग़ज़ दिखाओ जिसपे फ़र्ज़ी हस्ताक्षर हुए….
BJP अफ़वाह और झूठ फैलाने की फैक्ट्री बन गई है pic.twitter.com/NDkndJb3vm
— Raghav Chadha (@raghav_chadha) August 10, 2023
इस मुद्दे को लेकर राघव चड्ढा का कहना है कि राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा को अभी तक विशेषाधिकार समिति से कोई नोटिस नहीं मिला है। जब भी कोई नोटिस आएगा तब हम उसका हम जवाब देंगे। इस पूरे मामले में AAP ने स्पष्ट करते हुए कहा है कि संसदीय नियमों और प्रक्रियाओं के मुताबिक चयन समिति को सदस्यों के नाम प्रस्तावित करने से पहले किसी भी प्रकार के हस्ताक्षर या लिखित सहमति की जरूरत नहीं होती है। इसलिए इसमें गलत हस्ताक्षरों की व्याख्या का कोई सवाल ही नहीं उठता है।