शिव शंकर सविता- दिल्ली के रामलीला मैदान में रविवार को वोट चोरी और SIR (स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन) के मुद्दे पर आयोजित कांग्रेस की रैली में कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने भारतीय जनता पार्टी और चुनाव आयोग पर जोरदार हमला बोला। भारी संख्या में जुटे कार्यकर्ताओं और समर्थकों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि अगर बीजेपी एक बार बैलेट पेपर से निष्पक्ष चुनाव लड़ ले, तो उसे खुद पता चल जाएगा कि वह कभी जीत नहीं सकती। प्रियंका गांधी ने मंच से सीधे तौर पर बीजेपी को चुनौती देते हुए कहा, “मैं बीजेपी को खुली चुनौती देती हूं कि एक बार बैलेट पेपर पर ईमानदारी से चुनाव लड़कर दिखाए। ये लोग जानते हैं कि निष्पक्ष चुनाव हुआ तो ये कभी सत्ता में नहीं आ पाएंगे।” उन्होंने आरोप लगाया कि मौजूदा चुनाव प्रक्रिया का हर कदम संदिग्ध बना दिया गया है और इसमें चुनाव आयोग की भूमिका पर गंभीर सवाल खड़े होते हैं।
संसद में वोट चोरी और SIR पर चर्चा करने से मोदी सरकार ने कर दिया था इनकार- प्रियंका गांधी
उन्होंने कहा कि संसद में जब कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और सांसद राहुल गांधी ने SIR और वोट चोरी जैसे अहम मुद्दे उठाए, तो मोदी सरकार ने इस पर चर्चा करने से इनकार कर दिया। प्रियंका गांधी ने आरोप लगाया कि सरकार जनता के असली मुद्दों से बचने के लिए बहस को जानबूझकर दूसरी दिशा में मोड़ती है। “सरकार में जनता के सवालों पर बात करने की हिम्मत नहीं है,” उन्होंने कहा। चुनाव आयोग और बीजेपी की कथित साठ-गांठ का आरोप लगाते हुए प्रियंका गांधी ने कहा कि आज बीजेपी को चुनाव आयोग की जरूरत है, क्योंकि उसके बिना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चुनाव नहीं जीत सकते। उन्होंने दावा किया कि देश के इतिहास में पहली बार ऐसा हो रहा है, जब पूरा विपक्ष एक सुर में कह रहा है कि उसे चुनाव आयोग पर भरोसा नहीं रहा।
तीनों चुनाव आयुक्तों को देश कभी नहीं भूलेगा- प्रियंका गांधी
प्रियंका गांधी ने तीन चुनाव आयुक्तों ज्ञानेश कुमार, सुखबीर सिंह संधू और विवेक जोशी का नाम लेते हुए कहा कि देश इन्हें कभी नहीं भूलेगा। उन्होंने आरोप लगाया कि इन अधिकारियों ने लोकतंत्र पर सीधा हमला किया है और वोट के अधिकार को कमजोर करने की कोशिश की है। “मोदी सरकार चाहे इन्हें कितनी भी बचाने की कोशिश कर ले, लेकिन एक दिन इन्हें देश को जवाब देना होगा,” उन्होंने कहा। अपने संबोधन में प्रियंका गांधी ने यह भी कहा कि आज देश की लगभग हर संवैधानिक संस्था पर सरकार का दबाव है। चुनाव आयोग से लेकर अन्य संस्थाओं तक, सभी को सत्ता के सामने झुकाया जा रहा है। उन्होंने जनता से अपील की कि लोकतंत्र और वोट के अधिकार की रक्षा के लिए एकजुट होकर आवाज उठाना जरूरी है।