प्रियंका गांधी का पीएम मोदी पर हमला, भाजपा पर समानता, न्याय और धर्मनिरपेक्षता को नष्ट करने का लगाया आरोप

KNEWS DESK-  कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा पर तीखा हमला बोला है। प्रियंका गांधी ने आरोप लगाया कि भाजपा और उसके नेता नरेंद्र मोदी संविधान में निहित समानता, न्याय और धर्मनिरपेक्षता के मूल्यों को ‘नष्ट’ करने की कोशिश कर रहे हैं। यह बयान उन्होंने बुधवार को मलप्पुरम जिले के वंडूर विधानसभा क्षेत्र के चेरुकोड में आयोजित नुक्कड़ सभा में दिया।

प्रियंका गांधी ने कहा कि पिछले 10 सालों में भाजपा ने देश में विभाजनकारी राजनीति को बढ़ावा दिया है और सत्ता में बने रहने के लिए लोगों को उनकी असल समस्याओं से भटकाने की कोशिश की है। उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाया कि जब किसी देश में इस तरह की राजनीति हावी हो जाती है, तो लोगों की असल समस्याओं का समाधान न होकर उन्हें और भी जटिल बना दिया जाता है।

प्रियंका गांधी ने कहा कि भाजपा सरकार में न तो किसानों के लिए कोई सहायता प्रणाली है, न ही छोटे और मध्यम व्यवसायों के लिए कोई समर्थन है। उनका कहना था कि छोटे और मध्यम कारोबार भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं और रोजगार सृजन में उनका अहम योगदान है। लेकिन इस सरकार में इन्हें पर्याप्त समर्थन नहीं मिल रहा है।

प्रियंका ने आरोप लगाया कि भाजपा ने देश में किसानों की मदद के लिए कोई ठोस योजना नहीं बनाई। वे कहते हैं, “भाजपा शासन में न तो किसानों को मदद मिली, न ही छोटे व्यापारियों को। देश में सिर्फ कुछ पूंजीपति समूहों को फायदा हुआ।”

वायनाड के मुद्दे पर प्रियंका का बयान

प्रियंका गांधी ने वायनाड निर्वाचन क्षेत्र के उपचुनाव के प्रचार के दौरान वायनाड के मुद्दों पर भी बात की। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में कृषि उत्पादों की भरमार है, फिर भी किसानों को कृषि में कोई भविष्य नहीं दिखता है। इसके साथ ही, वे यह भी बताया कि इस क्षेत्र के छात्र और युवा बेहतर नौकरी के अवसरों और उच्च शिक्षा के लिए विदेश जा रहे हैं। प्रियंका ने कहा, “यह स्थिति तब है जब यहां मसालों और उच्च गुणवत्ता वाले कृषि उत्पादों का उत्पादन किया जाता है। इसके बावजूद, लोग अपनी किस्मत आजमाने के लिए विदेश जा रहे हैं क्योंकि यहां उन्हें कोई रोजगार के अवसर नहीं मिल रहे।”

प्रियंका ने यह भी कहा कि वायनाड के पहाड़ी क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं जैसे पानी, शिक्षा और स्वास्थ्य की भारी कमी है। इस स्थिति को सुधारने के लिए उन्होंने वायनाड के लोगों से समर्थन की अपील की और कहा कि अगर उन्हें संसद में मौका मिला तो वे इन मुद्दों को लेकर गंभीरता से काम करेंगी।

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