प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ब्रिटेन यात्रा, द्विपक्षीय संबंधों में नया अध्याय और एफटीए की है उम्मीद

KNEWS DESK- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को यूनाइटेड किंगडम की दो दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर लंदन पहुंचे, जहां उनका भव्य स्वागत किया गया। यह दौरा भारत और ब्रिटेन के बीच राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक संबंधों को नई दिशा देने वाला माना जा रहा है। प्रधानमंत्री की इस यात्रा का मुख्य फोकस भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर है, जिस पर दोनों देशों की निगाहें टिकी हुई हैं।

लंदन एयरपोर्ट पर ब्रिटेन की विदेश कार्यालय मंत्री और हिंद-प्रशांत क्षेत्र प्रभारी कैथरीन वेस्ट ने प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत किया। भारतीय उच्चायुक्त विक्रम दोरईस्वामी और ब्रिटेन में दिल्ली की उच्चायुक्त लिंडी कैमरन भी इस मौके पर उपस्थित थीं। लंदन में भारतीय प्रवासी समुदाय ने भारी उत्साह के साथ प्रधानमंत्री का स्वागत किया। लोग सड़कों पर कतारबद्ध होकर प्रधानमंत्री की एक झलक पाने को बेताब दिखे। प्रधानमंत्री ने कई लोगों से संवाद किया और बच्चों को आशीर्वाद भी दिया।

भारतीय मूल की प्रवासी गहना गौतम ने कहा, “यह जीवन भर याद रखने वाला क्षण था जब मैंने प्रधानमंत्री से हाथ मिलाया।” वहीं, दाऊदी बोहरा समुदाय के सदस्यों ने भी पीएम से मिलने पर खुशी जताई और उनके साथ समुदाय के मजबूत संबंधों पर गर्व व्यक्त किया।

प्रधानमंत्री मोदी की इस यात्रा का सबसे अहम पहलू भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) है। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर के साथ उनकी मुलाकात में इस पर अंतिम मुहर लगने की उम्मीद है। इस समझौते से भारत को भारी टैरिफ लाभ मिलेगा, जिससे चमड़ा, जूते और वस्त्र जैसे उत्पादों का निर्यात रियायती दरों पर संभव हो पाएगा। दूसरी ओर, ब्रिटेन को भारत में व्हिस्की, कार और अन्य हाई-वैल्यू उत्पादों के लिए बाजार और सुलभ हो जाएगा।

विशेषज्ञों के अनुसार, एफटीए लागू होने के बाद भारत के 99 प्रतिशत निर्यात को टैरिफ राहत मिलने की संभावना है। यह समझौता न केवल व्यापार को बढ़ावा देगा बल्कि दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को भी मजबूती देगा।

प्रधानमंत्री मोदी ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टारमर से द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा करेंगे, जिसमें रक्षा, तकनीक, जलवायु परिवर्तन, शिक्षा और लोगों से लोगों के बीच संबंध भी शामिल हैं। इस दौरे में पीएम मोदी की मुलाकात किंग चार्ल्स III से भी प्रस्तावित है, जो दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संबंधों का प्रतीक होगी।

ब्रिटेन यात्रा के समापन के बाद प्रधानमंत्री मोदी 25-26 जुलाई को मालदीव की आधिकारिक यात्रा पर जाएंगे, जहां क्षेत्रीय सुरक्षा और हिंद महासागर में भारत की भूमिका पर चर्चा की जाएगी।