KNEWS DESK- राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू आज पहली बार विश्व प्रसिद्ध बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन पहुंचीं, जहां उनका स्वागत राज्यपाल मंगू भाई पटेल, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा ने किया। राष्ट्रपति ने सीधे कार्यक्रम स्थल होटल रूद्राक्ष पहुंचकर सफाई मित्रों का सम्मान किया और उज्जैन-इंदौर सिक्स लेन का भूमि पूजन भी किया।
स्वच्छता अभियान पर जोर
अपने संबोधन की शुरुआत “जय श्री महाकाल” से करने के बाद, राष्ट्रपति मुर्मू ने उज्जैन की सांस्कृतिक धरोहर और स्वच्छता अभियान के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि उनकी जनसेवा यात्रा स्वच्छता के कार्यों से शुरू हुई थी, और पिछले 10 वर्षों में स्वच्छता अभियान ने देशभर में अभूतपूर्व परिवर्तन लाया है।
राष्ट्रपति ने इंदौर को लगातार 7वीं बार देश का सबसे स्वच्छ शहर बनने पर गर्व व्यक्त किया और उज्जैन के सफाई मित्रों का योगदान सराहा। उन्होंने रश्मि टांकले, किरण खोड़े, शोभा घावरी, अनीता चावरे और गोपाल खरे जैसे सफाई कर्मियों को सम्मानित किया।
महाकाल के दर्शन
राष्ट्रपति मुर्मू ने महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के गर्भगृह में दर्शन किए और बाबा महाकाल का आशीर्वाद प्राप्त किया। उनके आगमन पर महाकाल मंदिर को विशेष रूप से सजाया गया था, और झांझ-डमरू की ध्वनि से उनका स्वागत किया गया।
मुख्यमंत्री का बयान
सम्मान समारोह में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि स्वच्छता कर्मचारियों को उनके शहर की रेटिंग के अनुसार रुपये दिए जाएंगे। उज्जैन को तीन रेटिंग मिलने पर यहां के सफाई कर्मियों को 3,000 रुपये दिए जाएंगे।
राष्ट्रपति की गतिविधियाँ
राष्ट्रपति मुर्मू ने महाकालेश्वर मंदिर में अभिषेक-पूजन किया और मंदिर परिसर में श्रमदान भी किया। उन्होंने महाकाल महालोक का भ्रमण किया और पुरी (ओडिशा) के शिल्पकारों से बातचीत की, जो पाषाण से भगवान शिव और सप्त ऋषि की मूर्तियां बना रहे थे। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का यह उज्जैन दौरा न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण था, बल्कि स्वच्छता और जनसेवा के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है।