KNEWS DESK- भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आज (29 अक्टूबर 2025) को हरियाणा के अंबाला एयरफोर्स स्टेशन से भारतीय वायुसेना के अत्याधुनिक राफेल लड़ाकू विमान में उड़ान भरी। उड़ान से पहले राष्ट्रपति ने बाकायदा फाइटर पायलट सूट पहना और वायुसेना अधिकारियों से मुलाकात की। यह ऐतिहासिक क्षण भारतीय वायुसेना की तकनीकी क्षमता और महिला नेतृत्व की नई ऊंचाई का प्रतीक माना जा रहा है।
राष्ट्रपति की इस उड़ान के मद्देनज़र एयरफोर्स स्टेशन और आसपास के क्षेत्र में सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए गए। सुरक्षा कारणों से एयरबेस के चारों ओर ड्रोन उड़ाने पर अस्थायी प्रतिबंध भी लगाया गया।
एयरफोर्स स्टेशन पहुंचने पर एयर चीफ मार्शल अमरप्रीत सिंह ने राष्ट्रपति मुर्मू का गर्मजोशी से स्वागत किया। इसके बाद राष्ट्रपति को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया, और उन्होंने जिप्सी में खड़े होकर परेड का निरीक्षण किया।
यह पहला मौका नहीं है जब राष्ट्रपति मुर्मू ने किसी लड़ाकू विमान में उड़ान भरी हो। इससे पहले उन्होंने असम के तेजपुर एयरफोर्स स्टेशन से सुखोई-30 एमकेआई में उड़ान भरकर इतिहास रचा था। वह देश की दूसरी महिला राष्ट्रपति हैं जिन्होंने फाइटर जेट में सॉर्टी की है। इससे पहले साल 2009 में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने पुणे के लोहगांव एयरबेस से सुखोई-30 एमकेआई में उड़ान भरकर यह गौरव हासिल किया था।
राष्ट्रपति मुर्मू का अंबाला से उड़ान भरना प्रतीकात्मक रूप से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। अंबाला एयरबेस भारतीय वायुसेना का एक प्रमुख रणनीतिक ठिकाना है, जहां राफेल की 17 स्क्वाड्रन ‘गोल्डन एरो’ तैनात है। यही स्क्वाड्रन फ्रांस से आए राफेल विमानों के पहले बैच का संचालन करती है। यह एयरबेस भारत की हवाई सुरक्षा और ऑपरेशन सिंदूर जैसी महत्वपूर्ण सैन्य अभियानों में निर्णायक भूमिका निभा चुका है।
जब भारत ने फ्रांस से राफेल विमानों की खरीद की थी, तो वे सीधे अंबाला एयरबेस पर ही लैंड हुए थे। राष्ट्रपति अपने इस दौरे के दौरान राफेल की तकनीकी विशेषताओं और ऑपरेशनल क्षमताओं की जानकारी भी प्राप्त करेंगी।
कार्यक्रम के दौरान उन्होंने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ से जुड़े वीर जवानों को सम्मानित किया और भारतीय वायुसेना की बहादुरी, अनुशासन और समर्पण की सराहना की।
इस अवसर पर वायुसेना प्रमुख अमरप्रीत सिंह, हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, गृहमंत्री अनिल विज, तथा अन्य रक्षा और प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे।
राष्ट्रपति मुर्मू की यह राफेल उड़ान न केवल भारतीय वायुसेना के आत्मविश्वास को नई ऊंचाई देती है, बल्कि यह संदेश भी देती है कि भारत की नारी शक्ति अब रक्षा, नेतृत्व और गौरव के हर क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभा रही है।